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अजीत जोगी की प्रतिमा हटाने पर बिफरे अमित जोगी, दी आंदोलन की चेतावनी

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ShivJun 8, 20251 min read

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा विवाद का मामला…

एनीकट में डूबे युवक की 22 घंटे बाद मिली लाश, नहाने के दौरान हुआ था हादसा

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ShivJun 8, 20251 min read

जांजगीर-चांपा।  हथनेवरा एनीकट में नहाने के दौरान डूबे युवक लक्ष्मी…

वन विभाग का एक्शन : छापा मारकर बड़ी मात्रा में पकड़ी अवैध सागौन की लकड़ी, आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज

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ShivJun 8, 20251 min read

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही।  छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में अवैध रूप…

एसपी निखिल राखेचा ने जवानों के साथ 10 किमी की लगाई दौड़, लोगों को फिट रहने का दिया संदेश

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ShivJun 8, 20251 min read

गरियाबंद। फिट इंडिया पहल के तहत गरियाबंद पुलिस के जवानों…

June 8, 2025

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आदिवासी समाज का बड़ा प्रदर्शन: गोंडवाना महासभा और सर्व आदिवासी समाज ने 7 सूत्रीय मांगों को लेकर दिया धरना

खैरागढ़. गोंडवाना गोंड महासभा और सर्व आदिवासी समाज ने अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर आज खैरागढ़ के आंबेडकर चौक पर जोरदार धरना प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग एकत्रित हुए और अपनी प्रमुख मांगों को लेकर राज्य सरकार से शीघ्र कार्रवाई की अपील की. मुख्य मांगों में खैरागढ़ जिले की तीन जिला पंचायत सीटों को अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित करना और जिले में एकलव्य आदिवासी विद्यालय की स्थापना शामिल हैं. प्रदर्शन के दौरान समाज के प्रतिनिधियों ने एसडीएम टीपी साहू को प्रदेश अनुसूचित जनजाति आयोग के नाम से एक ज्ञापन सौंपा.

धरने के दौरान आंबेडकर चौक पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, जिससे पूरे इलाके को छावनी जैसा बना दिया गया. यह कदम किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उठाया गया था. धरने में अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य गणेश सिंह ध्रुव भी शामिल हुए, जिन्होंने आदिवासी समाज की प्रमुख मांगों का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि खैरागढ़ जिला पंचायत की तीन सीटों को आरक्षित करना आदिवासी समाज का अधिकार है, और सरकार से इस पर तत्काल कदम उठाने की अपील की.

गोंडवाना महासभा के जिला अध्यक्ष संतोष छेदैया ने कहा, “आदिवासी समाज को एकजुट रहना चाहिए. हमें आपस में नहीं बंटना है. अगर हम बंटेंगे तो कमजोर हो जाएंगे, लेकिन एकजुट होकर हम अपने अधिकारों की रक्षा कर पाएंगे.”

आदिवासी समाज ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो वे चक्का जाम और बड़े आंदोलन के लिए तैयार हैं. प्रदर्शन में महिलाओं और युवाओं की भी बड़ी भागीदारी रही, जो आदिवासी समाज के अधिकारों के प्रति अपनी आवाज बुलंद कर रहे थे.

यह धरना प्रदर्शन आदिवासी समाज की समस्याओं और उनके अधिकारों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की एक महत्वपूर्ण पहल है. अब सभी की नजरें सरकार पर हैं कि वह इन मांगों पर कब और कैसे कार्रवाई करती है.