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स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जनदर्शन में सुनी जनता की समस्याएं

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ShivJun 8, 20253 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज…

केटीयू ने आयोजित किया मीडिया-जनसंचार शिक्षा पर मार्गदर्शन शिविर, बड़ी संख्या में जुड़े छात्र

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रायपुर।  कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय और प्रेस क्लब,…

June 8, 2025

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आदिवासी समाज का बड़ा प्रदर्शन: गोंडवाना महासभा और सर्व आदिवासी समाज ने 7 सूत्रीय मांगों को लेकर दिया धरना

खैरागढ़. गोंडवाना गोंड महासभा और सर्व आदिवासी समाज ने अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर आज खैरागढ़ के आंबेडकर चौक पर जोरदार धरना प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग एकत्रित हुए और अपनी प्रमुख मांगों को लेकर राज्य सरकार से शीघ्र कार्रवाई की अपील की. मुख्य मांगों में खैरागढ़ जिले की तीन जिला पंचायत सीटों को अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित करना और जिले में एकलव्य आदिवासी विद्यालय की स्थापना शामिल हैं. प्रदर्शन के दौरान समाज के प्रतिनिधियों ने एसडीएम टीपी साहू को प्रदेश अनुसूचित जनजाति आयोग के नाम से एक ज्ञापन सौंपा.

धरने के दौरान आंबेडकर चौक पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, जिससे पूरे इलाके को छावनी जैसा बना दिया गया. यह कदम किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उठाया गया था. धरने में अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य गणेश सिंह ध्रुव भी शामिल हुए, जिन्होंने आदिवासी समाज की प्रमुख मांगों का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि खैरागढ़ जिला पंचायत की तीन सीटों को आरक्षित करना आदिवासी समाज का अधिकार है, और सरकार से इस पर तत्काल कदम उठाने की अपील की.

गोंडवाना महासभा के जिला अध्यक्ष संतोष छेदैया ने कहा, “आदिवासी समाज को एकजुट रहना चाहिए. हमें आपस में नहीं बंटना है. अगर हम बंटेंगे तो कमजोर हो जाएंगे, लेकिन एकजुट होकर हम अपने अधिकारों की रक्षा कर पाएंगे.”

आदिवासी समाज ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो वे चक्का जाम और बड़े आंदोलन के लिए तैयार हैं. प्रदर्शन में महिलाओं और युवाओं की भी बड़ी भागीदारी रही, जो आदिवासी समाज के अधिकारों के प्रति अपनी आवाज बुलंद कर रहे थे.

यह धरना प्रदर्शन आदिवासी समाज की समस्याओं और उनके अधिकारों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की एक महत्वपूर्ण पहल है. अब सभी की नजरें सरकार पर हैं कि वह इन मांगों पर कब और कैसे कार्रवाई करती है.