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मध्यप्रदेश में निवेश का यही समय है और सही समय : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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ShivFeb 24, 202512 min read

भोपाल।    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित मध्यप्रदेश से विकसित…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों से की वन-टू-वन चर्चा

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ShivFeb 24, 20252 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले…

शराब घोटाला: ED की विशेष कोर्ट ने डिस्टलरी को आरोपी बनाने ढेबर की याचिका की स्वीकार, 8 कंपनियों को बनाया आरोपी

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ShivFeb 24, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में डिस्टलरी (शराब निर्माताओं)…

दर्दनाक हादसा : बाइक सवारों को कार ने मारी टक्कर, फिर हाइवा की चपेट में आने से एक युवक की मौत, दूसरा घायल

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ShivFeb 24, 20251 min read

जांजगीर-चाम्पा।  छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा में दर्दनाक हादसे में दो युवकों…

सीजीएसटी में रिश्वतखोरी मामला : अधीक्षक और ड्राइवर की 28 फरवरी तक बढ़ी रिमांड, CBI नए आरोपियों की कर रही तलाश

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ShivFeb 24, 20252 min read

रायपुर। सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी) अधीक्षक भरत सिंह और ड्राइवर विनय राय…

February 24, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सिविल जज परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, सरकारी कर्मचारी भी दे सकेंगे एग्जाम, आवेदन की तिथि बढ़ी

बिलासपुर।  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने का महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि सिविल जज की परीक्षा में वह उम्मीदवार भी भाग ले सकते हैं, जो सरकारी कर्मचारी हैं और जिनका बार काउंसिल में नामांकन नहीं है. कोर्ट ने आदेशित किया है कि एक उम्मीदवार जो विधि स्नातक है, चाहे वह अधिवक्ता के रूप में नामांकित हो या नहीं, इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा क्योंकि उसे भी उसी जांच से गुजरना होगा, जिससे दूसरे उम्मीदवार को गुजरना होगा, जो अधिवक्ता के रूप में नामांकित है. वहीं हाईकोर्ट ने इसके साथ ही सीजीपीएससी को सिविल जज की परीक्षा के आवेदन की अंतिम तिथि को 24 जनवरी 2025 से 1 महीने तक के लिए आगे बढ़ने का आदेश दिया है.

दरअसल, मध्यप्रदेश के जबलपुर की रहने वाली विनीता यादव विधि स्नातक है, जिसने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से विधि में डिग्री प्राप्त की है. वह छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापित सिविल जज (जूनियर डिवीजन) परीक्षा, 2024 में शामिल होने की इच्छुक थी. लेकिन वर्तमान में वह सरकारी कर्मचारी के रूप में कार्यरत है तथा अधिवक्ता अधिनियम, 1961 (संक्षेप में 1961 का अधिनियम) के तहत अधिवक्ता के रूप में नामांकित नहीं है तथा पूर्णकालिक सरकारी कर्मचारी होने के कारण उसे 1961 के अधिनियम के तहत बनाए गए बार काउंसिल ऑफ इंडिया रूल्स के नियम 49 के तहत अधिवक्ता के रूप में नामांकन करने से वैधानिक रूप से रोक दिया गया है, जो किसी भी पूर्णकालिक व्यवसाय में लगे व्यक्तियों के नामांकन पर रोक लगाता है.

याचिकाकर्ता ने अपनी अधिवक्ता शर्मिला सिंघई के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डबल बैंच में सुनवाई हुई. बैंच ने सुनवाई के दौरान कहा प्रथम दृष्टया, हमारा विचार है कि फिलहाल याचिकाकर्ता को अपना ऑनलाइन फॉर्म भरने की अनुमति दी जानी चाहिए और यदि वह अन्य सभी मानदंडों को पूरा करती है, तो उसे भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी जा सकती है. भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी गई है. चूंकि ऑनलाइन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 24.01.2025 है, इसलिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को निर्देश देते हुए ऑनलाइन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि को एक महीने के लिए बढ़ा देने आदेश दिया. इसके अलावा, विशुद्ध रूप से अंतरिम उपाय के रूप में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग उम्मीदवारों को अपने ऑनलाइन फॉर्म भरने की अनुमति देगा, भले ही वे 1961 के अधिनियम के तहत अधिवक्ता के रूप में नामांकित न हों.

यह भी स्पष्ट किया है कि यह आदेश प्रतिवादी के रूप में लागू होगा, न कि व्यक्तिगत रूप से और यहां तक कि वे अभ्यर्थी जिन्होंने उपरोक्त राहत के लिए इस उच्च न्यायालय का दरवाजा नहीं खटखटाया है, उन्हें भी वर्तमान आदेश का लाभ उठाने की अनुमति दी जाएगी.

वहीं यह भी कहा जैसा कि पूर्वोक्त शीर्ष न्यायालय के 6 निर्णयों के प्रकाश में है. संबंधित प्रतिवादी अगली सुनवाई की तारीख से पहले अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. इसके साथ ही cgpsc के अधिवक्ता अनिमेष तिवारी को निर्देश दिया कि वे इस आदेश को छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को तत्काल सूचित करें. इस मामले को 17 फरवरी, 2025 को रखी गई है.