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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री आनंद सर मंदिर परिसर में दर्शन कर सरोवर में पुष्प अर्पित किए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री आनंद सर मंदिर परिसर में दर्शन कर सरोवर में पुष्प अर्पित किए

ShivApr 11, 20252 min read

भोपाल।    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को श्री आनंदपुर धाम…

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उन्नत और समृद्ध रही है प्राचीन भारतीय वास्तुकला : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 11, 20253 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्राचीनकाल…

संत, महात्मा ज्ञान और सन्मार्ग के हैं प्रेरणा पुंज : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

संत, महात्मा ज्ञान और सन्मार्ग के हैं प्रेरणा पुंज : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 11, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार…

शिक्षा ही है विकास का मूलमंत्र- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

शिक्षा ही है विकास का मूलमंत्र- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

ShivApr 11, 20254 min read

रायपुर।   शिक्षा ही विकास का मूलमंत्र है। शिक्षा के बिना…

April 11, 2025

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हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, व्याख्याता पदोन्नति के नियम को बताया असंवैधानिक

बिलासपुर।   हाईकोर्ट ने व्याख्याता के पद पर पदोन्नति के लिए राज्य शासन द्बारा बनाए गए नियम को असंवैधानिक घोषित कर दिया है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने शिक्षक से व्याख्याता पद पर पदोन्नति के लिए बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को ही पात्र माना है. कोर्ट ने अन्य निम्नतर योग्यता वाले अभ्यथियों को पदोन्नति सूची से अलग करने कहा है. कोर्ट ने कहा है कि शिक्षक की गुणवत्ता कम करना शिक्षा में गिरावट है. मामले की सुनवाईं चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डीबी में हुई.

दरअसल, याचिकाकर्ता श्रवण कुमार प्रधान, संजय कुमार समेत अन्य की नियुक्ति पंचायत में शिक्षाकर्मी के पद पर हुई थी. 2018 में राज्य शासन ने 8 वर्ष की सेवा पूरा करने वालों का संविलियन कर शिक्षा विभाग में शिक्षक एलबी के पद पर पदस्थ किया. राज्य सरकार ने शिक्षक एलबी को व्याख्याता के पद पर पदोन्नति प्रदान करने नियम बनाया. इसमें कहा गया कि व्याख्याता के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती एवं 50 प्रतिशत पद अनुभव के आधार पर पदोन्नति से भरा जाएगा. इसके खिलाफ याचिका लगाई गई थी.

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता बीएड डिग्रीधारक होने के साथ व्याख्याता के सभी योग्यता को पूरा करते हैं. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि शिक्षक पद पर भर्ती होने वाले उम्मीदवारों की न्यूनतम योग्यता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (बीएड) एनसीटीई द्बारा तय की गई है. राज्य सरकार उक्त आवश्यकता को कम नहीं कर सकती. हाई या हायर सेकेंडरी स्कूलों के लिए आवश्यक योग्यता बीएड डिग्री और प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक के लिए डीएड, डीएलएड आवश्यक योग्यता है. व्याख्याता पद के लिए आवश्यक योग्यता बीएड है.