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औद्योगिक गतिविधियों और निवेश के लिए मध्यप्रदेश संभावनाओं का प्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 22, 20257 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की…

NRDA सीईओ को हाईकोर्ट से फटकार, अलाटमेंट कमेटी पर एफआईआर के आदेश

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ShivJan 22, 20252 min read

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) द्वारा एक…

रायपुर तहसील कार्यालय का पता बदला, एसडीएम ने जनता से की ये अपील

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ShivJan 22, 20251 min read

रायपुर। राजधानी रायपुर के अनुविभागीय एवं तहसील कार्यालय को अब पुराने…

मतदाताओं को जागरुक करने किया उत्कृष्ट काम, CEO प्रभाकर पाण्डेय को मिलेगा सम्मान

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ShivJan 22, 20251 min read

रायपुर। मतदाताओं को जागरुक करना. मतदान के लिए प्रेरित करना.…

January 23, 2025

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CM विष्णुदेव का बड़ा फैसला, कोल परिवहन से संबंधित परमिट व अन्य स्वीकृति होंगी ऑनलाईन, भ्रष्टाचार पर साय सरकार का बड़ा वार

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कोल परिवहन से संबंधित एवं अन्य स्वीकृतियां देने की प्रक्रिया फिर से ऑनलाईन की जाएगी। उन्होंने कहा कि खनिज प्रशासन में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था तथा सुशासन की दृष्टि से इन प्रक्रियाओं को ऑनलाईन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आज विधानसभा में ध्यानाकर्षण का जवाब देते हुए यह घोषणा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ध्यानाकर्षण सूचना के जवाब देते हुए कहा कि पिछली सरकार में खनिज विभाग के संचालक द्वारा 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी कर यह व्यवस्था दी गई थी कि जिले के खनिज अमले द्वारा ई-परमिट का भौतिक सत्यापन होने के बाद ही ई-ट्रांजिट पास जारी किया जा सकेगा। इस आदेश के माध्यम से इसके पहले जो ऑनलाईन प्रक्रिया थी उसको बंद करके ऑफलाइन किया गया था। जिससे प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप शुरू हुआ, भ्रष्टाचार के आक्षेप लगे और परिवहन में भी विलंब होता था.

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि खनिज विभाग में पूर्व में लागू ऑनलाईन व्यवस्था के तहत कोयले के परिवहन हेतु खनिज ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से पट्टेदार द्वारा स्वतः अपने कार्यालय से खनिज परिवहन हेतु ई-परमिट एवं ई-ट्रांजिट पास प्राप्त कर बिना खनिज कार्यालय आये अपना परिवहन किया जा रहा था। पिछली सरकार में नवीन ऑफलाईन प्रकिया के लागू होने से ई-टीपी लागू करने में विलंब हुआ और कई कोयला खदानों में निकासी अवरूद्ध होने से रायल्टी राजस्व की हानि हुई, जिस पर भारत सरकार ने भी दो बार राज्य सरकार को पत्र जारी कर आपत्ति ली गई थी। इसके अतिरिक्त मानवीय हस्तक्षेप शुरू होने से अवैध उगाही एवं भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन मिला एवं प्रदेश की छवि धूमिल हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न संस्थानों ने ऑफलाईन व्यवस्था के संबंध में आदेश को निरस्त करने की लगातार मांग की एवं अवैध लेनदेन एवं उगाही का आरोप भी लगाया है। इसी अनुकम में प्रवर्तन निदेशालय ने जांच उपरांत सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया है, जो विचाराधीन है। साथ ही भ्रष्टाचार के मामले में निदेशालय ने एंटी करप्शन, ब्यूरो में प्रकरण दर्ज किया गया है, जो विवेचनाधीन है। उन्होंने कोल परिवहन में पारदर्शिता, भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था एवं सुशासन को ध्यान में रखकर खनिज विभाग द्वारा 15 जुलाई 2020 को जारी परिपत्र एवं इसके अनुक्रम में जारी अन्य सभी अनुषंगी निर्देशों को निरस्त करने की घोषणा की।