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नई पुनर्वास नीति का असर: 10 लाख के इनामी नक्सली दंपत्ति ने किया सरेण्डर

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ShivJan 18, 20252 min read

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January 18, 2025

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डिप्टी CM अरुण साव की बड़ी घोषणा: 900 करोड़ की लागत से नगरीय निकायों में शहरी अधोसंरचना को किया जाएगा मजबूत

रायपुर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बुधवार को राज्य के सभी नगरीय निकायों के लिए 450 करोड़ रुपए की राशि जारी किये जाने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग के तहत अधोसंरचना विकास के लिए जल्द ही 450 करोड़ रुपए से अधिक के प्रस्तावों को मंजूरी दी जाएगी। इस प्रकार, कुल 900 करोड़ रुपए की राशि प्रदेश के नगरीय निकायों को शहरी अधोसंरचना को मजबूत करने और नए विकास कार्यों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने यह घोषणा आज पत्रकार वार्ता के दौरान की, इस दौरान उन्होंने जनसमस्या निवारण शिविर में प्राप्त मांगों और उसके निराकरण की स्थिति की जानकारी साझा की।

उप मुख्यमंत्री साव ने बताया कि नागरिकों की समस्याएं दूर करने और उनकी जरुरतों को समझाने के लिए प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में विगत 27 जुलाई से 10 अगस्त तक जनसमस्या निवारण पखवाड़ा का आयोजन किया गया था। शहरी नागरिकों को इसका बेहतर प्रतिसाद मिला है। मैंने खुद कई जनसमस्या निवारण शिविरों में पहुंचकर व्यवस्थाएं देखी थीं और नागरिकों से मुलाकात की थी। मैंने सभी नगर निगमों के आयुक्तों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को लोगों की समस्याओं को यथासंभव मौके पर ही निराकृत करने के निर्देश दिए थे।

बता दें कि जनसमस्या निवारण पखवाड़े के दौरान प्रदेश भर में आयोजित शिविरों में करीब एक लाख 30 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 37 प्रतिशत यानि 48 हजार आवेदनों का निराकरण मौके पर ही कर दिया गया है। दूसरे विभागों से संबंधित आवेदनों को संबंधित विभागों को प्रेषित करने के बाद शेष आवेदनों का परीक्षण कर शीघ्र निराकरण की कार्यवाही की जा रही है। लोगों की जरूरतों और मांगों से संबंधित निर्माण कार्य से जुड़े कार्य बारिश की वजह से नहीं हो पाए हैं। बरसात के बाद ये कार्य तेजी से पूर्ण किए जाएंगे। शहरों में आयोजित जनसमस्या निवारण पखवाड़ा की यह बड़ी सफलता होगी।

जनसमस्या निवारण पखवाड़े के दौरान प्राप्त आवेदनों की स्थिति

प्रधानमंत्री आवास योजना: 17,512 आवेदनों में से 1,181 का त्वरित समाधान किया गया। शिविर स्थल पर ही नए आवास की स्वीकृति, त्रुटियों का निराकरण, और अधूरे आवासों को शीघ्र पूरा करने की प्रक्रिया शुरू की गई।

पेयजल समस्या: 5,573 में से 1,233 आवेदनों का समाधान शिविर में ही किया गया। नए नल कनेक्शन, पाइपलाइन विस्तार और लीकेज की मरम्मत का कार्य किया गया।

कचरा संग्रहण और साफ-सफाई: 1,796 कचरा संग्रहण से संबंधित आवेदनों में से 1,127 को मौके पर निपटाया गया।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन: 2,263 आवेदनों में से 570 का त्वरित निराकरण किया गया।

सड़क और नाली मरम्मत: 17,655 में से 809 आवेदनों को तत्काल स्वीकृत कर मरम्मत कार्य किए गए। शेष मांगों के अनुरूप प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं।

संपत्ति कर और भवन निर्माण: 642 संपत्ति कर से संबंधित आवेदनों में से 380 का समाधान मौके पर किया गया। संपत्ति के नामांतरण और भवन निर्माण की स्वीकृति से संबंधित 1,117 आवेदनों में से 58 का त्वरित निराकरण किया गया।

राशन कार्ड और स्वास्थ्य सेवाएं: 21,701 राशन कार्ड से संबंधित आवेदनों में से 11,541 का समाधान किया गया। 9,701 लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण और 7,613 आयुष्मान कार्ड वितरित किए गए।

भूमि विवाद और राजस्व प्रकरण: 14,080 आवेदनों में से 3,000 का निराकरण किया गया। बिजली, स्ट्रीट लाइट, मवेशी, आवारा कुत्तों, अतिक्रमण और अवैध निर्माण से संबंधित 30,489 आवेदनों में से 11,146 का समाधान किया गया। शेष आवेदन अन्य विभागों से संबंधित होने के कारण संबंधित विभागों को निराकरण के लिए प्रेषित किए गए हैं।

साय सरकार ने 8 महीनों में नगरीय निकायों को दिए 1250 करोड़ रूपये

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नगरीय प्रशासन और विकास विभाग की सक्रियता की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश में शहरी क्षेत्रों के विकास और नागरिकों को अधिक सुविधाएं देने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने शुरुआती 8 महीनों में नगरीय निकायों को 1250 करोड़ रुपए दिए हैं। इस राशि का उपयोग नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में अधोसंरचना विकास और जनसुविधाओं के सुधार के लिए किया जा रहा है।

इसके अलावा, पिछले 8 महीनों में जारी की गई राशि के साथ-साथ नगरीय निकायों को जल्द मिलने वाली 900 करोड़ रुपए को मिलाकर कुल 2150 करोड़ रुपए शहरों के विकास के लिए प्रदान किए जाएंगे। अरुण साव ने जोर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के पास राशि की कमी नहीं है और सभी नगरीय निकायों की मांगों और जरूरतों के अनुसार राशि स्वीकृत की जा रही है।