Special Story

भारत का खोया हुआ भाई लगता है जापान : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 30, 20256 min read

भोपाल।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि…

औद्योगिक विकास के लिये हरसंभव सहायता देने सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 30, 20253 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश…

महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं के लिये करें समुचित प्रबन्ध : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 30, 20251 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रयागराज में हुई भगदड़…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान के इंडिया क्लब में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दीं

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ShivJan 30, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की…

January 31, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

निलंबित IAS रानू साहू समेत 9 आरोपियों के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, 21.47 करोड़ की चल अचल संपत्तियों को किया कुर्क…

रायपुर।    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)के रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने एक अनंतिम कुर्की आदेश के तहत 21.47 करोड़ रुपये मूल्य की अचल और चल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया है। पिछले दिनों भूमि, आवासीय संपत्तियां, सावधि जमा और बैंक शेष सहित कुर्क की गई संपत्ति जिला खनिज निधि (डीएमएफ) घोटाले के आरोपी निलंबित आईएएस रानू साहू, माया वारियर, राधेश्याम मिर्झा, भुवनेश्वर सिंह राज, वीरेंद्र कुमार राठौर, भरोसा राम ठाकुर, संजय शेंडे, मनोज कुमार द्विवेदी, हृषभ सोनी और राकेश कुमार शुक्ला की है। इस मामले की जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है।

बता दें कि इस मामले में ईडी ने आईपीसी 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से दर्ज तीन अलग-अलग एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकार के अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलीभगत करके जिला खनिज निधि (डीएमएफ) को हड़पने की साजिश रची। डीएमएफ ठेकों को धोखाधड़ी से हासिल करने के लिए ठेकेदारों ने भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को अनुबंध मूल्य का 15% से 42% तक कमीशन/अवैध रिश्वत का भुगतान किया।

ऐसे होता था पैसों का हेरफेर

ईडी की जांच में डीएमएफ घोटाले की कार्यप्रणाली का पता चला है। ठेकेदारों के बैंक खाते में जमा की गई धनराशि का बड़ा हिस्सा ठेकेदारों द्वारा सीधे नकद में निकाल लिया गया था या आवास प्रवेश प्रदाताओं को हस्तांतरित कर दिया गया था, जिसके बदले ठेकेदारों को नकद राशि प्राप्त हुई थी। आवास प्रवेश प्रदाताओं के साथ इन लेन-देन को विक्रेताओं द्वारा बिना किसी वास्तविक खरीद के माल की खरीद के रूप में दिखाया गया था। विक्रेताओं द्वारा प्राप्त की गई नकदी का उपयोग डीएमएफ कार्य आवंटित करने और/या इस संबंध में विक्रेता के बिलों को मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के उद्देश्य से किया गया था और इस नकदी का कुछ हिस्सा विक्रेताओं द्वारा अपने लाभ के लिए भी इस्तेमाल किया गया था।

23.79 करोड़ रुपये की संपत्तियां की गई कुर्क

जांच के दौरान, ईडी ने ठेकेदारों, लोक सेवकों और उनके सहयोगियों के विभिन्न परिसरों में कई तलाशी ली थी और 2.32 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और आभूषण जब्त किए गए थे। जांच में जब्त की गई उक्त राशि डीएमएफ कार्यों के निष्पादन के दौरान इन लोक सेवकों द्वारा प्राप्त रिश्वत राशि का हिस्सा थी। इस मामले में अब तक अपराध से प्राप्त कुल आय (पीओसी) 90.35 करोड़ रुपये है, जिसमें 9 दिसंबर तक 23.79 करोड़ रुपये मूल्य की अचल और चल संपत्तियां अनंतिम रूप से कुर्क/जब्त/फ्रीज कर दी गई हैं।