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शासकीय कार्यों में बड़ी लापरवाही, एसडीएम ने पटवारी को किया निलंबित

शासकीय कार्यों में बड़ी लापरवाही, एसडीएम ने पटवारी को किया निलंबित

ShivJan 20, 20251 min read

अंबिकापुर। शासकीय कार्यों में लापरवाही के चलते पटवारी नारायण सिंह…

January 20, 2025

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लोहारीडीह कांड पर भूपेश बघेल का बड़ा बयान, कहा – मामला दबाने की कोशिश कर रहे थे गृहमंत्री और एसपी, हाईकोर्ट की निगरानी में हो घटना की जांच

रायपुर।     पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली दौरे से लौटे. उन्होंने एयरपोर्ट पर लोहारीडीह मामले में बड़ा बयान दिया है. भूपेश बघेल ने कहा, गृह मंत्री और एसपी मामले को लगातार दबाने की कोशिश कर रहे थे. वहां के विधायक, वर्तमान में गृह मंत्री सभी की भूमिका संदिग्ध है. हाईकोर्ट की निगरानी में घटना की जांच होनी चाहिए.

पूर्व सीएम बघेल ने कहा, सरकार 167 लोगों को फांसी की सजा दिलाना चाहती है. सरकार उनकी जान लेना चाहती है. लोहारीडीह मामले की सही जांच होनी चाहिए. मामले की फिर से विवेचना करने की जरूरत है. हाईकोर्ट में सीटिंग जज की निगरानी में एसआईटी गठन करके इसकी जांच की जाए. विजय शर्मा कुछ कह रहे हैं और तत्कालीन एसपी का बयान कुछ और कह रहा है. बैगा जनजाति की हत्या हुई तब तत्कालीन एसपी ने आत्महत्या करार दिया था. गृह मंत्री देर रात निकलते हैं और लोगों को धमकाने का काम करते है.

धान खरीदना नहीं चाहती सरकार

धान खरीदी 14 नवंबर से शुरू होने पर भूपेश बघेन ने कहा, पर्याप्त समय नहीं मिल रहा. 160 मिट्रिक टन धान का लक्ष्य रखा गया है. 14 नवंबर से शुरू करने की बात कही गई है. 75 दिन का समय मिलता है. 35 दिन छुट्टियों में निकल जाएगा. केवल 40 दिन किसानों के लिए बचेगा. 40 दिन में 160 लाख ट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य कैसे पूरा होगा. लक्ष्य तय होगा या नहीं संभव नहीं नजर आ रहा. यह सरकार कुल मिलाकर धान खरीदना नहीं चाहती है.

आगामी रायपुर दक्षिण चुनाव और महाराष्ट्र के ऑब्जर्वर की जिम्मेदारियाें के सवाल पर भूपेश बघेल ने कहा, एक साथ दोनों हो जाएगा. इतने सब बड़ा संगठन इतने सारे लोग हैं, सभी काम हो जाएंगे. कितना बड़ा है कितना दूर है. बस्तर सरगुजा के विधानसभा तो नहीं है.

अनुकंपा नियुक्ति को लेकर उन्होंने कहा, अभी तो सिर्फ कहा गया है, मिल जाए तब बताइएगा. वहीं एसआई अभ्यर्थियों के मामले पर कहा, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी एसआई अभ्यर्थियों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सरकार कोई निर्णय नहीं ले पा रही है.