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प्राचार्य पदोन्नति पर हाईकोर्ट में सुनवाई: याचिकाकर्ताओं की दलीलें जारी, सुनवाई कल भी जारी रहेगी

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हम सभी की साझी भागीदारी से ही पर्यावरण संरक्षण का संकल्प होगा पूरा : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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June 12, 2025

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भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाला : नेता प्रतिपक्ष ने कहा, पूरे प्रकरण की CBI से करायें जांच, मुख्यमंत्री बोले, आपने से CBI को ही छग में बैन कर दिया था…

रायपुर। विधानसभा बजट सत्र के 12वें दिन विपक्ष ने भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी का मामला उठाया. नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि यह बड़ी गड़बड़ी है कई लोग मिले हुए हैं. राजनीतिक दलों के लोग भी मिले हो सकते हैं, इसकी सीबीआई से जांच होने चाहिए. विभागीय मंत्री ने आयुक्त से जांच करने का ऐलान किया. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉकआउट किया.

विधानसभा में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी स्वीकार करते हुए कहा कि अधिसूचना के बाद रकबे का टुकड़ा किया गया. अधिकृत भूमि का दोबारा भू-अर्जन किया गया. ट्रस्ट के बदले ट्रस्ट के व्यक्ति को मुआवजा मिल गया. डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी पर कार्रवाई की गई है.

इस पर नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया जाए. निलंबन ऐसी प्रक्रिया है, जिससे दोषी जल्द बच जाते हैं. निलंबन से लौटने के बाद फिर अधिकारी उसी हिसाब से काम करते हैं. मेरा हाथ जोड़कर निवेदन है कि मामले की सीबीआई जांच की मांग स्वीकार कर लें.

इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने मामले की जांच आयुक्त से कराने का ऐलान किया. विषय पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने तो सीबीआई को बैन किया था. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों की समिति बनाकर मामले की जांच कराने की मांग की.

भारतमाला परियोजना में जांच की मांग पर विपक्ष के हंगामे के बीच सत्तापक्ष के विधायक रिकेश सेन ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस को केंद्रीय एजेंसी पर कब से भरोसा हो गया. जो लोग सीबीआई को बैन करते हैं. ईडी पर भरोसा नहीं है. वह आज जांच की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने शिकायत के आधार पर जांच के दायरे पर सवाल उठाया. मंत्री ने कहा कि आयुक्त से विस्तृत जांच कराई जाएगी.

इसके बाद भारतमाला परियोजना के गड़बड़ी पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट होकर हाईकोर्ट जाने का ऐलान किया. इसके साथ ही पूरे विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया.