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पेंड्रा सड़क हादसा : मृतकों के परिजनों को मिलेगा 5 लाख का मुआवजा, मुख्यमंत्री श्री साय ने की घोषणा

पेंड्रा सड़क हादसा : मृतकों के परिजनों को मिलेगा 5 लाख का मुआवजा, मुख्यमंत्री श्री साय ने की घोषणा

ShivMar 31, 20251 min read

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही।    पेंड्रा सड़क हादसे में दो लोगों की मौत…

डीजे की तेज आवाज से गिरा घर का छज्जा, 4 मासूम समेत 5 घायल…

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ShivMar 31, 20251 min read

बिलासपुर। मस्तूरी थाना क्षेत्र के मल्हार के केंवटपारा में रविवार रात…

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे दिव्यांगों को पुलिस ने उठाया, मरीन ड्राइव से तूता धरना स्थल किया शिफ्ट

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ShivMar 31, 20252 min read

रायपुर। मरीन ड्राइव पर अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन…

इंदौर, भोपाल, प्रयागराज के लिए मिलीं नई उड़ानें

इंदौर, भोपाल, प्रयागराज के लिए मिलीं नई उड़ानें

ShivMar 31, 20252 min read

रायपुर।  स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से इंदौर, भोपाल और प्रयागराज के लिए…

मुख्यमंत्री ने ईद-उल-फितर की दी मुबारकबाद

मुख्यमंत्री ने ईद-उल-फितर की दी मुबारकबाद

ShivMar 31, 20251 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ईद-उल-फितर की मुबारकबाद देते हुए…

March 31, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

भारतीय जनता पार्टी श्रमिक विरोधी है : दीपक बैज

रायपुर- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने श्रमवीरों को मजदूर दिवस की बधाई देते हुये लोगों से आह्वान किया है। इस दिन श्रम का सम्मान करते हुये सभी हमारे पारंपरिक भोजन बोरे बासी को खाये और बोरे बासी खाते हुये अपनी तस्वीर सोशल मीडिया में अवश्य पोस्ट करें। बोरे बासी छत्तीसगढ़ की अस्मिता संस्कृति का प्रतीक है। यह हमारे किसानों, मजदूरों के सम्मान के साथ अपनी परंपरा पर अभिमान होगा।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि भाजपा किसान और छत्तीसगढ़ संस्कृति विरोधी है। इसीलिये वे बोरे बासी का विरोध कर रहे है। पूंजीपति मित्रों के मुनाफे के लिए मोदी सरकार ने मजदूरों के रोजगार और सामाजिक सुरक्षा दोनों को खत्म करने का षड्यंत्र रचा है। केंद्रीय सदन में विपक्ष दल के सांसदों को बाहर करके एक ही दिन में बिना चर्चा के दर्जनों श्रम कानूनों में श्रमिक विरोधी संशोधन किए गए। कारोबार सुगमता के नाम पर 27 मौजूदा कानून को समाप्त कर नए कानून में 75 प्रतिशत श्रमिकों को बाहर कर दिया गया। अब नई कंपनी में महिला रूम व बच्चों के देखभाल के लिए क्रेज बनाना भी अनिवार्य नहीं होगा न्यूनतम वेतन कानून, बोनस कानून, अनुबंध कानून, कर्मचारी क्षतिपूर्ति कानून, संविदा श्रमिक कानून, असंगठित मजदूर कानून, स्वास्थ्य एवं बीमा कानून आदि नहीं रहेंगे। काम के घंटे जो मोदी सरकार से पहले 8 घंटे थे, उसे बढ़कर 12 घंटा किया गया, तमाम तरह की सुविधाए और छिन लिया गया। औद्योगिक इकाइयों को अपने हिसाब से मजदूर रखने और निकालने की आजादी दे दी गई है। अब मजदूरों की बदहाली पर श्रम न्यायालय भी संज्ञान नहीं ले पाएगा और ना ही ऊपर किसी अपील में सुनवाई होगी। शोषण के खिलाफ़ हड़ताल और प्रदर्शन तक के अधिकार एक झटके में समाप्त कर दिए गए, मोदी सरकार ने मजदूरों का हक छीना है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि पूंजीपति मित्रों के प्रभाव में मोदी सरकार ने श्रमिकों की आवाज दबाने भारतीय कारखाना अधिनियम, औद्योगिक विवाद अधिनियम, ट्रेड यूनियन अधिनियम, समान पारिश्रमिक अधिनियम, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, वेतन भुगतान अधिनियम, बोनस भुगतान अधिनियम, यौन उत्पीड़न अधिनियम, बाल श्रम निषेध, मातृत्व लाभ अधिनियम, कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम जैसे महत्वपूर्ण कानून को आंशिक या पूर्ण रूप से स्थगित कर दिया है। नई मजदूरी कोड मेहनतकश मजदूरों के लिए पूरी तरह धोखा है, यह मजदूरों के अधिकारों पर हमला है।