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ShivJan 27, 20252 min read

दुर्ग।   नगर निगम दुर्ग महापौर के लिए भाजपा-कांग्रेस ने प्रत्याशियों…

ACB-EOW का छापा : मोक्षित कारपोरेशन के ठिकानों पर टीम ने दी दबिश, रायपुर, दुर्ग समेत कई जिलों में चल रही कार्रवाई

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ShivJan 27, 20251 min read

रायपुर।  छत्‍तीगसढ़ मेडिकल कार्पोरेशन में हुई गड़बड़ी मामले में ईओडब्‍ल्‍यू-एसीबी…

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक प्रमुख राम समदड़िया ने जागृति मंडल रायपुर में फहराया राष्ट्रध्वज

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ShivJan 27, 20251 min read

रायपुर।  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, प्रांत कार्यालय,जागृति मंडल पंडरी रायपुर मे…

January 27, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

लाल किले में भारत पर्व 2025: छत्तीसगढ़ की झांकी बनी आकर्षण का केंद्र, झांकी में रामनामी समुदाय, जनजातीय कला, नृत्य व शिल्प की दिख रही झलक

रायपुर।     नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले में आयोजित हो रहे भारत पर्व 2025 में छत्तीसगढ़ की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र बन गई है। यह झांकी राज्य की समृद्ध जनजातीय परंपराओं और रामनामी समुदाय की विशिष्ट झलक को खूबसूरती से प्रस्तुत करती है। भगवान श्रीराम के प्रति अटूट भक्ति के लिए प्रसिद्ध रामनामी समुदाय इस झांकी का मुख्य आकर्षण है। उनकी अनोखी परंपराएं, संस्कृति और जीवनशैली दर्शकों को गहराई से प्रभावित कर रही हैं। छत्तीसगढ़ की झांकी में राज्य की सांस्कृतिक विविधता और पारंपरिक लोक जीवन को बड़े ही शानदार तरीके से दर्शाया गया है। झांकी में जनजातीय कला, पारंपरिक नृत्य, और शिल्प की झलक ने देश-विदेश से आए दर्शकों को राज्य की अनमोल सांस्कृतिक धरोहर से रूबरू कराया। साथ ही यह झांकी छत्तीसगढ़ की आदिवासी जीवनशैली और उनकी अनूठी परंपराओं का जीवंत चित्रण प्रस्तुत करती है।

भारत पर्व 2025, जो गणतंत्र दिवस के अवसर पर पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है, भारतीय संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करने का उत्कृष्ट मंच है। इस आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों की झांकियां, सांस्कृतिक प्रदर्शन और स्थानीय व्यंजनों के स्टॉल जनता के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। छत्तीसगढ़ की झांकी ने ‘देखो अपना देश’ की थीम के तहत राज्य के सांस्कृतिक गौरव और परंपराओं को देश और दुनिया के सामने पेश किया है।

यह आयोजन 26 जनवरी से 31 जनवरी तक प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक दर्शकों के लिए खुला है। निशुल्क प्रवेश के साथ, यह पर्व लोगों को भारत की सांस्कृतिक विविधता, पारंपरिक धरोहर, और आधुनिक विकास का अनुभव करने का अनोखा अवसर प्रदान करता है। लाल किले के प्रांगण में छत्तीसगढ़ की झांकी को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं। यह झांकी छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का उत्कृष्ट मंच प्रदान कर रही है।