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महाकाल लोक परिसर की तरह एकात्म धाम का करें विकास : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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March 7, 2025

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Bed वालों की जाएगी नौकरी! : सहायक शिक्षकों का जल सत्याग्रह, रात में फ्लैश लाइट जलाकर समायोजन के लिए लगा रहे गुहार

रायपुर।     सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्देश के बाद साय सरकार ने DEd अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने का आदेश जारी कर दिया है. इस आदेश के बाद अब Bed अभ्यर्थी सहायक शिक्षकों की नौकरी पर टर्मिनेशन का डर मंडरा रहा है. 19 दिसंबर से Bed सहायक शिक्षक तूता धरना स्थल पर समायोजन की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. आज 12 दिनों बाद सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने पर शिक्षकों ने जल सत्याग्रह शुरू किया. दोपहर से अब तक ये धरना जारी है.

अतिथि शिक्षक समायोजन की मांग को लेकर Bed सहायक शिक्षक पानी में उतरकर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर के साथ सरकार से गुहार लगा रहे हैं. जल सत्याग्रह के दौरान कई अभ्यर्थी बेहोश भी हुए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अब रात के अंधेरे में अभ्यर्थी फ़्लैश लाइट जलाकर नारों के साथ समायोजन की मांग कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारी बोले – हमारा समायोजन किया जाए

बातचीत करते हुए प्रदर्शनकारी ने भावुक होकर कहा कि सरकार हमें टर्मिनेट करने की बात कह रही है. यदि सरकार हमें टर्मिनेट करेगी तो हमारे आत्मविश्वास को टर्मिनेट कर देंगे. उन्होंने कहा, जनता वोट देकर विधायकों को चुनती है. हमारे साथ अत्याचार हो रहा है. कब तक जनता हजारों रुपए देकर अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाएगी. आज संविधान और राजपत्र जैसे की इज्जत नहीं की जा रही है. एक Bed सहायक शिक्षक अपने हाथों में अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर थामे पानी में डूबी रही. उन्होंने कहा, मैं सरकार से हाथ जोड़कर विनती करती हूं, हमारी बात माने और हमारा समायोजन करे. हम हर तरीके से योग्य हैं.

अतिथि शिक्षक बोले – बस्तर के युवा को भटकने मजबूर न करे सरकार

बस्तर से आए एक बीएड सहायक शिक्षक ने सरकार से बड़ा सवाल किया है. उन्होंने पूछा कि मैं बस्तर का आदिवासी हूं और सरकार से पूछना चाहता हूं कि जिस जनता के जनादेश से सरकार बनती है वह सरकार कहां है. उनकी जनता पानी में डूबी है. तूता धरना स्थल से 10 किलोमीटर पर मंत्रालय है. हम यहां पर पिछले 12 दिनों से बैठे हैं. फिर भी सरकार को कोई खबर नहीं है. हम सरकार से विनती करते हैं कि हमें टर्मिनेट ना करें, समायोजन करें. सरकार हमें ऐसे कार्य करने को मजबूर ना करे कि हम बस्तर के युवा भटक जाएं. हम शिक्षकों को निकालकर बस्तर का कैसे विकास कर पाएंगे?

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