वाणिज्य उद्योग और अधोसंरचना विकास’’ विषय पर आधारित वर्किंग समिति ने लघु, मध्यम एवं दीर्घकालिक लक्ष्य पर दिए सुझाव
रायपुर- ’’अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन@2047’’ डॉक्यूमेंट तैयार करने ”वाणिज्य, उद्योग और अधोसंरचना विकास” विषय पर गठित वर्किंग समिति की बैठक राज्य नीति आयोग अटल नगर नवा रायपुर के सभा कक्ष में आज आयोजित की गई। वाणिज्य उद्योग और अधोसंरचना विकास से संबंधित लक्ष्य, चुनौतियां एवं सामर्थ्य विषय पर विस्तार से चर्चा की गई तथा वर्किंग समिति के सदस्यों द्वारा सुझाव दिए गए।
छत्तीसगढ़ में कुशल निवेश और कुशल निवेश तंत्र अपनाने पर ध्यान देने की आवश्यकता, खाद्य परीक्षण, एवं प्रमाणन सुविधाएं बढ़ाने, औद्योगिक पार्कों की वृद्धि करने, पर्याप्त कुशल कार्यबल की उपलब्धता, लॉजिस्टिक संबंधी बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करने, पर्याप्त परिवहन संपर्क स्थापित करने, उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त पारिस्थितिकी तंत्र, राष्ट्रीय स्तर पर राज्य के भीतर पर्यटन स्थलों के बारे में जागरूक और प्रचार-प्रसार करने में ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
राज्य नीति आयोग के सदस्य सचिव अनूप श्रीवास्तव एवं सदस्य के. सुब्रमण्यम ने विभागों द्वारा बनाए गए लघु, मध्यम एवं दीर्घकालीन विजन एवं रणनीतियों के निर्धारण हेतु अपना सुझाव दिए।
के सुब्रमण्यम ने जीडीपी, रोजगार, कृषि एवं संबंधित उद्योग, प्रति व्यक्ति आय, सेवाएं, व्यय एवं निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक, प्रशिक्षित कार्मिक, शासन और नीतियों की अनुकूलता, प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने के लिए कौशल सुधार जैसे विषयों पर अपने विचार दिए। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय को बढ़ावा देने के लिए उच्च उत्पादन वाले क्षेत्रों में रोजगार पैदा करना महत्वपूर्ण है।
सदस्य सचिव अनूप श्रीवास्तव ने कहा की सतत एवं पुनर्याेजी विकास में ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य को कृषि एव प्रसंस्कृत सुपर फूड के पावर हाउस में परिवर्तन किया जा सकता है। राज्य हर्बल उपचार का केंद्र बन सकता है। बीपीओ और के पी ओ जैसी आईटी सेवा में विस्तार करने की आवश्यकता है साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के रोजगार पर भी ध्यान देना होगा। वन धन, लघु वन उपज को बढ़ावा तथा उसके व्यवसायीकरण को भी डाक्यूमेंट में शामिल किया जाना चाहिए। योजना आर्थिक विभाग के सचिव अंकित आनंद ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों और भारी धातुओं से समृद्ध राज्य है। एकीकृत औद्योगिक पार्कों की स्थापना के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण जैसे प्राथमिकता वाले विकास क्षेत्रों को विकसित करने जैसे विषय को डॉक्यूमेंट में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा राज्य सात राज्यों की सीमाओ से जुड़ा है जो की देश के 40 प्रतिशत हिस्से तक पहुंच है। यहां लॉजिस्टिक हब बनाने का यह एक मजबूत अवसर भी है।
बैठक में वाणिज्य उद्योग विभाग, हाउसिंग बोर्ड, ग्रामीण एवं नगर निवेश, पर्यटन, ऊर्जा, वित्त, क्रेडा, खादी एवं ग्रामोद्योग, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ,अटल नगर विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग सिडबी के अधिकारियों ने अपने विभाग के लक्ष्य, चुनौतियां एवं सामर्थ्य का प्रेजेंटेशन दिया। आईटी, वित्त, पर्यटन और खनिज संसाधन के एक्सपर्ट भी शामिल रहे तथा कोरबा एवं रायगढ़ जिला के कलेक्टर वर्चुअल रूप से जुड़कर अपना सुझाव दिए।
उल्लेखनीय है की विजन डाक्यूमेंट तैयार करने का उत्तरदायित्व राज्य नीति आयोग को सौंपा गया है। सितंबर तक विजन डॉक्यूमेंट का अंतिम रिपोर्ट तैयार करने की अपेक्षा की गई है इसके लिए अलग-अलग विषयों पर आठ वर्किंग ग्रुप बनाए गए हैं।
इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी., वित्त सचिव मुकेश बंसल, संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गौरडिया सहित समिति के सदस्य गण एवं नोडल अधिकारी उपस्थित थे।