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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री आनंद सर मंदिर परिसर में दर्शन कर सरोवर में पुष्प अर्पित किए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री आनंद सर मंदिर परिसर में दर्शन कर सरोवर में पुष्प अर्पित किए

ShivApr 11, 20252 min read

भोपाल।    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को श्री आनंदपुर धाम…

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उन्नत और समृद्ध रही है प्राचीन भारतीय वास्तुकला : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 11, 20253 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्राचीनकाल…

संत, महात्मा ज्ञान और सन्मार्ग के हैं प्रेरणा पुंज : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

संत, महात्मा ज्ञान और सन्मार्ग के हैं प्रेरणा पुंज : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 11, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार…

शिक्षा ही है विकास का मूलमंत्र- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

शिक्षा ही है विकास का मूलमंत्र- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

ShivApr 11, 20254 min read

रायपुर।   शिक्षा ही विकास का मूलमंत्र है। शिक्षा के बिना…

April 11, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

किराना दुकान से तरक्की की ओर बढ़ रही बालूद की कमला

रायपुर।    आधुनिक युग में महिलाएं आत्मनिर्भर होकर परिवार को आर्थिक मदद भी कर रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को स्वरोजगार से निरंतर जोड़ा जा रहा है। दन्तेवाड़ा जिले की ग्रामीण महिलाएं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) प्रयास अब सार्थक हो रहा है। कमला बैंक से ऋण लेकर किराना दुकान शुरू की और आत्मविश्वास के चलते आगे बढ़ते जा रही है।

संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णु देव साय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने अनेक योजनाएं संचालित कर रहे हैं, जिनका लाभ महिलाएं उठाकर अपने घरेलू काम-काज के अलावा स्वरोजगार से जुड़ रहीं हैं।

खेती किसानी और घर गृहस्थी के काम के अलावा भी उनकी एक अलग पहचान बन गई है। यह सब महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण से ही संभव है। और इसी के बदौलत ही वे बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के खर्च और परिवार की अन्य जरूरतें पूरा करने में हाथ बंटा रही हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। इस क्रम में दन्तेवाड़ा जिला मुख्यालय से 3 किमी दूरी में बसा ग्राम पंचायत बालूद में निवासरत कमला ठाकुर एवं उनका परिवार अपने जीवन-यापन के लिए परंपरागत खेती से ही जुड़ा हुआ था। फिर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के जरिये उन्होंने दिव्या स्व सहायता का गठन किया। इस समूह में अधिकतम सभी 10 महिलाएं निर्धन परिवार से संबंधित थी और सभी महिलाएं गृहिणी ही थी। इन महिलाओं को सी.आर.पी. दीदीयों के द्वारा बिहान योजना के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई।

समूह से जुड़ने के पश्चात कमला ठाकुर ने घर के काम एवं खेती के साथ-साथ लघु व्यवसाय करने का विचार किया। इस प्रकार कुछ नया करने की सोच के साथ उन्होंने बिहान के माध्यम से ही ग्राम संगठन के द्वारा 1 लाख 20 हजार ऋण प्राप्त कर किराना दुकान शुरू किया, जिसमें उनके परिवार ने भी उनका साथ दिया और उनके द्वारा समय से ग्राम संगठन से लिये गये ऋण को ब्याज सहित चुकता भी कर दिया गया। इसी आत्मविश्वास के बलबूते उन्होंने अपने दुकान को विस्तार करने के उद्देश्य से पुनः बैंक से ऋण के रूप में 50 हजार रूपए की राशि लेकर अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रही है। अपनी आत्मनिर्भरता की वजह से आज वे अपने परिवार की जिम्मेदारी को सुगमता से निभा रही है। कमला ठाकुर ने कहा कि बिहान से जुड़ने के बाद ही उनके पूरी जिंदगी में बदलाव आया है।