बलौदाबाजार हिंसा : भूपेश बघेल ने कहा- सरकार से हुई बड़ी चूक, राज्यपाल और राष्ट्रपति को संज्ञान लेना चाहिए
रायपुर। बलौदाबाजार हिंसा मामले में सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. दिल्ली से लौटते ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर कई आरोप लगाए.
पूर्व सीएम बघेल का कहना है कि सरकार से एक बड़ी चूक हुई है. सरकारी सिस्टम घटना को रोक पाने में विफल रहा है. छत्तीसगढ़ के इतिहास में ये अब तक सबसे बड़ी प्रदर्शन के दौरान हिंसा की घटना है. कलेक्टर और एसपी कार्यलय जला देना सामान्य बात नहीं है. इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार है उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन सवाल उठ रहा है कि प्रदर्शन को इतना उग्र होने किसने दिया ?
बघेल ने सरकार पर आरोप लगाया कि घटना को लेकर अब लीपापोती किया जा रहा है. समाज के लोगों को सरकार शांत करा पाने में नाकाम रही है. न्यायिक जांच की घोषणा पहले क्यों नहीं की गई ? उनका कहना है कि सरकार से कानून व्यवस्था संभल ही नहीं रही. प्रदेशभर में लचर व्यवस्था है. गृहमंत्री को अपना पद छोड़ देना चाहिए, क्योंकि सच्चाई है कि खुफिया विभाग पूरी तरह फेल रहा है.
भूपेश बघेल ने कहा, सतनामी समाज के लोग सत्य और अहिंसा के पुजारी हैं. जैतखाम में जिन लोगों ने तोड़फोड़ की है, जो वास्तविक आरोपी हैं उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए. हिंसा की घटना की भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. मैं समाज से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं.
बता दें कि गिरौदपुरी के जैतखाम में तोड़फोड़ से आक्रोशित सतनामी समाज के हजारों लोग सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव करने निकले थे. इस दौरान झूमाझटकी और पथराव भी हुई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. वहीं कुछ लोगों ने कलेक्ट्रेट और एसपी दफ्तर में आग लगा दी, जिससे सैकड़ों गाड़ियां जलकर राख हो गई.
सीएम साय ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग
घटना के बाद से शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है. वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी इस पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने देर शाम डीजीपी और सीएस को तलब कर मामले की जानकारी ली थी और आईजी को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए थे. वहीं आज मुख्यमंत्री ने अपना जशपुर जिले का दौरा कार्यक्रम रद्द कर दिया है और बलौदाबाजार मामले में सीएम हाउस में हाईलेवल बैठक बुलाई है. बैठक में डिप्टी सीएम विजय शर्मा और अरुण साव समेत सतनामी समाज के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद हैं.