बलौदा बाजार हिंसा: BJP प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा-
रायपुर- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कांग्रेस द्वारा बलौदाबाजार आगजनी मामले की सीबीआई जांच की मांग पर करारा कटाक्ष कर सवाल किया है. उन्होंने कहा कि अपने शासनकाल में तमाम संघीय ढांचे को तहस-नहस करने पर आमादा भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ में सीबीआई को प्रतिबंधित किया था तो अब किस मुंह से कांग्रेस सीबीआई जांच की मांग कर रही है?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा कि जिस कांग्रेस सरकार के शासनकाल में रक्षाबंधन के दिन बहनों के साथ सामूहिक बलात्कार की दरिंदगी का काला अध्याय लिखा गया हो, शिक्षक दिवस के दिन एक आदिवासी शिक्षिका को सामूहिक चुष्कर्म की यंत्रणा से गुजरना पड़ा हो, ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ की जुमलेबाजी करने वाली प्रियंका वाड्रा की प्रदेश की राजधानी में मौजूदगी के बावजूद राजधानी के जयस्तभ चौक के पास पुलिस दफ्तर की नाक के नीचे एक युवती की अस्मिता को दरिंदों ने सामूहिक बलात्कार करके लहूलुहान किया हो, राजधानी में गंडासा के जोर पर एक युवती को आतंकित कर घुमाया गया हो, और जिससे भूपेश सरकार का महिला और आदिवासी विरोधी चरित्र लगातार बेनकाब होता रहा हो, उस कांग्रेस की पिछली भूपेश सरकार को तो शर्म से गड़ जाना चाहिए था, लेकिन कांग्रेसियों के मगर शर्म फिर भी नहीं आ रही है और अब जातीय विद्वेष फैलाने के षड्यंत्र में अपनी भूमिका पर उठती जांच की आंच से बेचैन कांग्रेसी कानून-व्यवस्था के नाम पर मगरमच्छ के आंसू बहाकर प्रदेश को भरमाने में लगे हैं.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव कहा कि इन मामलों की गूंज विधानसभा तक में रही लेकिन इसके बाद भी भूपेश सरकार गूंगी-बहरी-अंधी बनी बैठी रही. कांग्रेसियों को यह कदापि नहीं भूलना चाहिए कि भूपेश सरकार के राज में लगातार अपराधों का ग्राफ बढ़ता ही गया था. लूट, चोरी, डकैती, नकबजनी, खुलेआम हत्या, छेड़खानी, बलात्कार जैसे संगीन अपराधों की वजह से लोग तब हर कदम पर स्वयं को असुक्षित महूसस कर रहे थे. तब पुलिस अपराधियों के सामने घुटने टेकती नजर आ रही थी, वहीं सार्वजनिक मंचों और विधानसभा में बड़ी-बड़ी बातें करने वाले मुख्यमंत्री हमर बेटी हमर अभियान के जुमले उछालते फिर रहे थे. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में पुलिस पर बलात्कार के मामलें में कार्रवाई नहीं करने का दबाव बनाकर आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण भी दिया जाता रहा, कानून-व्यवस्था के मसले को लेकर फिजूल की सियासी नौटंकियों और अनर्गल प्रलाप के बजाय कांग्रेस बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए रचनात्मक भूमिका का निर्वहन करे.