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बैगा आदिवासी हत्या मामला: MLA भावना बोहरा बोलीं- कांग्रेस नेता को पहले से थी इसकी जानकारी, पुलिस को किया गुमराह, इधर नेता ने आरोपों को बताया बेबुनियाद

कवर्धा। कवर्धा नागाडबरा में तीन बैगा आदिवासियों की मौत के मामले में पुलिस ने गुरुवार को बड़ा खुलासा किया था. इस मामले में एक नाबालिग समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दरअसल 15 जनवरी को कुकदुर थाना अंतर्गत नागाडबरा में पति-पत्नी और बच्चे समेत तीन बैगा आदिवासियों की जली हालात में लाश झोपड़ी में मिली थी. जिसके बाद से प्रदेशभर में इसकी चर्चा हो रही थी. यह मामला विधानसभा में भी गुंजा था. इस बीच अब इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड को लेकर कवर्धा एसपी अभिषेक पल्लव ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि कांग्रेस नेता नीलकंठ चंद्रवंशी को इसक हत्याकांड की भनक पहले ही हो चुकी थी लेकिन उन्होनें इस बारे में पुलिस को नहीं बताया, यह जांच का विषय है.

एसपी अभिषेक पल्लव के इस बयान के बाद कांग्रेस नेता नीलकंठ चंद्रवंशी ने इसे बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि पुलिस नाकामी को छुपाने के लिए जबरदस्ती मेरे उनके ऊपर आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप निराधार है जबकि अगर कांग्रेस पार्टी इस मामले में सामने नहीं आती तो पुलिस की हाथ आज भी खाली रहता.

कांग्रेस नेता नीलकंठ चंद्रवंशी ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि ”बीते 14 जनवरी की रात जिले के बैगा बाहुल्य क्षेत्र नागाड़बरा में एक ही परिवार के तीन बैगाओं की आग से जलने की खबर मिलते ही मैं गांव पहुंचा और पूरे मामले की बारीकी से तफ्तीश की तो मुझे लगा कि बैगाओं की मौत आग में जलने से नहीं बल्कि किसी अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा हत्या कर जलाने से हुई है. जबकि इस मामले में जांच कर रही पुलिस ने तीनों बैगाओं की मौत आग से जलकर होने की पुष्टी की और शासन को आकस्मिक मौतें बताकर मृतक के परिवारों को आरबीसी 6/4 के तहत 12 लाख रूपये की मुआवजा राशि दिलवाई, जबकि ये आकस्मिक मौत नहीं हत्या थी.

पुलिस जबरदस्ती लूट रही वाह-वाही

कांग्रेस नेता नीलकंठ चंद्रवंशी ने बताया कि इस घटना के बाद 2 फरवरी को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैगा आदिवासियों के साथ मिलकर न्यायिक जांच और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए विधायक भावना बोहरा का पुतला दहन किया और कुकदुर थाना का घेराव किया था. हमारे विरोध के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और मृतकों के आस-पास पड़े खून के छींटों के सैंपल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था. मामले की जांच के दौरान कांग्रेस ने आरोपियों तक पहुचने में पुलिस की मदद की. नीलकंठ चंद्रवंशी ने कहा कि वह खुद चश्मदीदों को एसपी दफ्तर ले गए थे. जिसके बाद पुलिस ने नाबालिग सहित 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया. पुलिस जबरदस्ती वाह-वाही लूट रही है और मेरे ऊपर जो आरोप लगाए गए है वह पूरी तरह से गलत है.

ऐसे मामलों में किसी को भी राजनीति नहीं करनी चहिए – भावना बोहरा

बता दें कि पंडरिया विधायक भावना बोहरा घटना के बाद तुरंत नागाडबरा पहुंची और पिड़ीत परिवार को तत्काल 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद की थी. इस दौरान भावना बोहरा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा था कि एक ही परिवार के तीन बैगा आदिवासियों की मौत हुई है. ये बहुत ही दुखद घटना है, ऐसे मामले में किसी भी पार्टी को राजनीति नहीं करनी चहिए. लेकिन भावना बोहरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह से कांग्रेस ने राजनीति की है. भोले-भाले आदिवासी भाइयों को बहला फुसलाकर आंदोलन किया. जबकि कांग्रेस पार्टी के सदस्य को जानकारी थी उन्हें बयान देने से रोका गया. पुलिस को गुमराह किया गया लोगो को गुमराह किया गया. ऐसे मामलों में किसी भी को ऐसी राजनीति नहीं करनी चहिए.

जानिए क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि बीते 14 जनवरी की रात एक ही परिवार के तीन बैगाओं की जली हालात में लाश मिली थी, दरसअल हत्या की रात मृतक और आरोपी राजो बाई बैगा के बीच जमीन को लेकर विवाद हुआ था. जिसके बाद राजो बाई ने योजना बनाई और अपने साथियों के साथ रात करीब 2 बजे मृतक के घर पहुंचा.

इस दौरान घर में बुधराम बैगा, पत्नी हीरामती और 12 वर्षीय बेटा जानहूराम बैगा सो रहा था. तभी इन आरोपियों ने पहले उन तीनों को कुल्हाड़ी से वारकर अधमरा कर दिया और जिंदा हालात में तीनों को जला दिया. इतना ही नहीं आरोपियों ने सबूत मिटाने के लिए झोपड़ी को भी आग के हवाले कर दिया जिससे लोगो को यह हादसा लगे. हालांकि पुलिस ने मामले का खुलासा कर नाबालिग समेत 14 लोगों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है.