Special Story

नारी शिक्षा और सशक्तिकरण में अहिल्याबाई होल्कर का महत्वपूर्ण योगदान: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

नारी शिक्षा और सशक्तिकरण में अहिल्याबाई होल्कर का महत्वपूर्ण योगदान: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

ShivJun 12, 20252 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज कोरबा जिले के प्रवास…

अहमदाबाद विमान हादसा: सभी 242 यात्रियों की मौत, स्थानीय लोगों की भी गई जान

अहमदाबाद विमान हादसा: सभी 242 यात्रियों की मौत, स्थानीय लोगों की भी गई जान

ShivJun 12, 20252 min read

अहमदाबाद।  अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुआ एयर इंडिया…

अंतर्राष्ट्रीय अग्र विभूति अलंकरण समारोह 2025 में शामिल हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल

अंतर्राष्ट्रीय अग्र विभूति अलंकरण समारोह 2025 में शामिल हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल

ShivJun 12, 20251 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल आज राजस्थान के…

कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

ShivJun 12, 20252 min read

रायपुर। रांची स्थित एंटी करप्शन ब्यूरो की स्पेशल कोर्ट ने…

June 12, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

आयुष्मान कार्ड: 1.20 करोड़ से अधिक महिलाओं का बन चुका आयुष्मान कार्ड, साय सरकार के गठन के बाद बने 15 लाख से ज्यादा कार्ड

रायपुर।    छत्तीसगढ़ में 13 दिसंबर 2023 को विष्णु देव साय सरकार के शपथ ग्रहण से लेकर अब तक 15 लाख 31 हजार 857 महिलाओं के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। यदि आँकड़ों को देखें, तो राज्य में हर महीने औसतन 1 लाख से अधिक महिलाओं के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। यह निरंतर जारी प्रयास राज्य की महिलाओं को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने और उन्हें चिकित्सा सेवाओं से जोड़ने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

आयुष्मान कार्ड पंजीयन पूर्णतः निःशुल्क

योजना के तहत आयुष्मान कार्ड पंजीकरण पूर्णतः निःशुल्क है। प्रदेशभर में सभी च्वाइस सेंटर, शासकीय अस्पतालों और निजी अनुबंधित अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड बनवाने की सुविधा उपलब्ध है। शासकीय कार्य दिवसों में लोग इन केंद्रों पर जाकर निःशुल्क पंजीयन करवा सकते हैं।

स्वयं करें आयुष्मान कार्ड पंजीयन – डिजिटल माध्यम से भी सुविधा उपलब्ध

यदि कोई व्यक्ति स्वयं आयुष्मान कार्ड बनवाना चाहता है, तो यह भी ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से संभव है। गूगल प्ले स्टोर पर “आयुष्मान भारत” एप डाउनलोड करके स्वयं कार्ड पंजीकरण किया जा सकता है।यह सुविधा उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जो डिजिटल सेवाओं का उपयोग कर आसानी से घर बैठे पंजीयन कराना चाहते हैं।इस डिजिटल सुविधा का लाभ उठाते हुए पहले ही बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपना पंजीकरण पूरा कर लिया है।

छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने, महिलाओं को बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आयुष्मान भारत योजना के तहत अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है, जिससे वे निःशुल्क और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें। यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है।

उल्लखेनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत महिलाओं के आयुष्मान कार्ड पंजीयन की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। योजना के प्रारम्भ से अब तक 1 करोड़ 20 लाख 65 हजार 107 महिलाओं का आयुष्मान कार्ड बन चुका है। प्रदेश सरकार ने महिलाओं को राशन कार्ड में परिवार का मुखिया बनाए जाने की नीति को इस योजना से भी जोड़ा है, जिससे आयुष्मान कार्ड पंजीयन को और अधिक प्रभावी बनाया गया है। राज्य के 33 जिलों में राशन कार्डधारी परिवारों की महिलाओं के आयुष्मान कार्ड पंजीयन का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में महिलाएँ इस योजना के अंतर्गत निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं से लाभान्वित हो रही हैं।

महिलाओं की भागीदारी 44% से अधिक, एक बड़ी उपलब्धि

राज्य में राशन कार्डधारी कुल आबादी के अनुपात में देखा जाए तो आयुष्मान कार्ड पंजीयन में महिलाओं की भागीदारी 44% से अधिक हो चुकी है। यह न केवल स्वास्थ्य सेवा तक महिलाओं की पहुँच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि यह राज्य सरकार की महिला केंद्रित योजनाओं की सफलता का भी प्रमाण है। आयुष्मान कार्ड पंजीयन के बाद, पंजीकृत महिलाओं को राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों में निःशुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध हो रही है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुँच और भी सुलभ हुई है।