Special Story

CGMSC घोटाला : ईओडब्ल्यू-एसीबी ने 2 आईएएस अफसरों के खिलाफ सरकार से मांगी जांच की अनुमति

CGMSC घोटाला : ईओडब्ल्यू-एसीबी ने 2 आईएएस अफसरों के खिलाफ सरकार से मांगी जांच की अनुमति

ShivJan 31, 20256 min read

रायपुर। मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक ईओडब्ल्यू-एसीबी ने…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान में ऐतिहासिक टेम्पल्स और कैसल का किया भ्रमण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान में ऐतिहासिक टेम्पल्स और कैसल का किया भ्रमण

ShivJan 31, 20252 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान दौरे के चौथे…

January 31, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

आत्मानंद स्कूल, 11वीं कक्षा के 47 में 30 बच्चे फेल… छात्रों ने कलेक्टर से कहां-हम कैसे फेल हुए इसकी जांच कराएं

बिलासपुर-     स्वामी आत्मानंद स्कूल के 11वीं कक्षा के 47 में से 30 छात्रों के फेल होने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. बच्चों ने इस पूरे मामले की शिकायत बिलासपुर कलेक्टर से की है. टीचर्स पर बच्चों ने आरोप लगा है कि स्वामी आत्मानंद स्कूल में हस्तलिखित प्रश्न-पत्र का विरोध करना सेजेस खपरगंज के 11वीं कक्षा के छात्रों को महंगा पड़ गया. स्कूल प्रबंधन ने अच्छा पेपर बनाने के बाद भी 47 छात्रों में से 30 छात्रों को फेल कर दिया. पूरे मामले को लेकर छात्र कलेक्टर के पास एनएसयूआई के नेतृत्व में पहुंचे थे. जहां उन्होंने उनको फेल करने की जांच कराने की बात कहीं, साथ ही उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन की मांग की गई.

जिले में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल का हाल बेहाल हो गया है. आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी और नोडल अधिकारी के ध्यान नहीं देने से उक्त स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ गया है. आत्मानंद स्कूल के करोड़ों रूपए का फण्ड आने के बाद भी वार्षिक परीक्षा को छात्रों को हस्तलिखित प्रश्न-पत्र देकर परीक्षा लिए गए थे. इसका स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम, खपरगंज स्कूल के छात्रों ने विरोध किया था. साथ ही कलेक्टर को ज्ञापन सौपा था. इसलिए खपरगंज स्कूल प्रबंधन ने हस्तलिखित प्रश्न-पत्र का विरोध करने वाले कक्षा 11वीं के कामर्स के 47 छात्र छात्राओं में से 30 को फेल कर दिया. जबकि छात्र अच्छा पेपर बनने की बात कह रहे है.

एनएसयूआई ने मांग की है कि छात्रों के भविष्य को ध्यान रखते हुए शिक्षकों की विशेष टीम गठित कर उनके उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कराई जाए. छात्रों ने कहा, एक साथ इतने अधिक छात्रों का फेल होना संभव नहीं है. इसलिए उक्त मामले की जांच कराकर जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई.