हंगामे के बीच विधानसभा कल तक के लिए स्थगित, धान खरीदी पर विपक्ष के स्थगन को अध्यक्ष ने किया अस्वीकार
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया और सत्र के पहले दिन ही हंगामेदार दृश्य देखने को मिले. विपक्ष ने धान खरीदी के मुद्दे को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा, जबकि सरकार ने इसे लेकर सफाई दी. वहीं विपक्ष ने धान खरीदी के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाया, जिसपर सदन में ग्राह्यता पर चर्चा भी हुई.
पूर्व CM का सरकार पर हमला
स्थगन प्रस्ताव पर पूर्व CM भूपेश बघेल ने कहा कि पिछली सरकार ने सोसाइटियों की संख्या बढ़ाई थी ताकि किसानों को दूर न जाना पड़े. इसकी व्यवस्था हमने की. बहुत कुछ सुधार हुआ था. उसे आगे ले जाने की आवश्यकता थी लेकिन इस सरकार ने कोई एक काम नहीं किया. उल्टा सोसाइटियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. केंद्रों में धान पड़ा है सुखत की समस्या होगी. केंद्रों में लिमिट से ज्यादा धान पड़ा है. मिलर अलग नुकसान में हैं. मिलर एसोसिएशन के अध्यक्ष रो-रो कर कह रहे हैं कि इससे अच्छी कांग्रेस की सरकार थी. हम किसान और मिलर की आवाज पुरजोर तरीके से उठाएंगे.
मोदी की गारंटी को सरकार पूरा नहीं कर रही सरकार : नेता प्रतिपक्ष महंत
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने भी सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार धान खरीदी केंद्रों में कुव्यवस्था पैदा की. जिसके कारण किसान, मिलर यहां तक की हमाल भी परेशान हैं. मोदी की गारंटी को सरकार पूरा नहीं कर रही. केंद्रों में 21 क्विंटल धान 3100 रुपये में नहीं खरीदा जा रहा. जब मोदी की गारंटी पूरी नहीं कर रहे. तो सीना तान के यह बोलने का अधिकार नहीं है कि हमने मोदी की गारंटी पूरी की. धान खरीदी को लेकर सरकार की नियत ठीक नहीं है.
सरकार ने दी धान खरीदी व्यवस्था पर सफाई
विपक्ष के सवालों का सरकार की ओर से वन मंत्री केदार कश्यप ने जवाब दिया. उन्होंने कहा, धान खरीदी की समुचित व्यवस्था है. धान खरीदी का कार्य समुचित तरह से चल रहा. 10 हजार 400 करोड़ का भुगतान किसानों को हो चुका है. मिलर द्वारा धान का उठाव किया जा रहा है. 4.73 लाख टन धान का उठाव हो चुका है. जो धान सोसाइटियों में हैं उसका उठाव भी जारी है. मंत्री कश्यप ने कहा कि बारदाने की कमी नहीं है. जो बारदाने हैं वह निर्धारित मापदंड के अनुरूप हैं.
विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के प्रस्ताव को किया अस्वीकार
इस पूरी बहस के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने विपक्ष के प्रस्ताव को अस्वीकार किया. इस बीच विपक्ष ने सदन में जमकर नारेबाजी की। इसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है.