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स्कूल खुलते ही व्यवस्था हुई ध्वस्त, बारकोड स्कैनिंग के झमेले में फंसे शिक्षक, बच्चे अब भी पुस्तक विहीन, टीबीसी ऐप बना सिरदर्द

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हुई, लेकिन स्कूल खुलते ही शिक्षा विभाग की व्यवस्थाओं की पोल भी खुल गई। जहां एक ओर मुख्यमंत्री बच्चों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दे रहे थे, वहीं दूसरी ओर शिक्षक और विद्यार्थी अव्यवस्थाओं से जूझते नजर आए।

हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में बच्चों को अब तक पाठ्यपुस्तकें नहीं मिल पाई हैं। वजह— टीबीसी CG एप के जरिए पुस्तकों के बारकोड स्कैन और वेरिफिकेशन के बिना पुस्तक वितरण की अनुमति नहीं है।

नेटवर्क समस्या, ऐप एरर और शिक्षक परेशान

शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग के निर्देश के अनुसार, हर पुस्तक को पहले टीबीसी एप के माध्यम से बारकोड स्कैन और वेरीफाई करना अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन यह ऐप बार-बार एरर दिखा रहा है, नेटवर्क समस्या आम बात हो गई है और हर पुस्तक को स्कैन करने में अत्यधिक समय लग रहा है।

उन्होंने कहा—
“स्कूल खुल चुके हैं, लेकिन अधिकांश शिक्षक मोबाइल लेकर पुस्तकें स्कैन करने में व्यस्त हैं। ना ऐप ठीक से काम कर रहा, ना नेटवर्क सहयोग कर रहा और ना ही छात्रों को पुस्तकें मिल पा रही हैं।”

प्राइमरी-मिडिल को अब तक पुस्तकें नहीं

स्थिति सिर्फ हाईस्कूल तक सीमित नहीं है। प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में 16 जून तक भी पुस्तकों की आपूर्ति नहीं हो सकी है। इससे पता चलता है कि शिक्षा विभाग की तैयारियाँ केवल कागज़ों तक सीमित रही हैं।

पढ़ाई प्रभावित, शिक्षक संगठन ने जताई नाराज़गी

शिक्षक संगठन का कहना है कि जब बच्चों को समय पर किताबें ही नहीं मिलेंगी, तो पढ़ाई की गुणवत्ता कैसे सुधरेगी? विभाग का आदेश शिक्षकों के लिए अनावश्यक परेशानी बन गया है।

“शिक्षकों को पढ़ाने के बजाय गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगाया जा रहा है। बारकोड स्कैनिंग जैसे तकनीकी कार्यों से शिक्षा व्यवस्था कमजोर हो रही है।”
— जितेंद्र शर्मा, प्रदेश मीडिया प्रभारी, छग शालेय शिक्षक संघ

शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी व शिक्षक साझा मंच के प्रदेश उप संचालक जितेंद्र शर्मा ने उपरोक्त समस्या से अवगत कराते हुए जानकारी दी कि जब तक सभी विषयों के सभी पुस्तको का बारकोड स्कैन कर वेरिफिकेशन कर लिया नही जाता तब तक पुस्तक बच्चों को नही बांटा जा सकता ऐसा विभागीय अधिकारियों का निर्देश है। ऐसे में हाई/ हायर सेकेंडरी विद्यालय के सभी शिक्षक अपने अपने मोबाइल से 9 वीं और 10 वी के प्राप्त पुस्तकों को एप के माध्यम से स्कैन करते नजर आ रहे हैं। सभी शिक्षक एप के ठीक से काम न करने, TBC एप एरर बताने, नेटवर्क न होने तथा एक -एक पुस्तक बारकोड स्कैन रीड कर वेरिफिकेशन करने में बहुत समय ले रहा है। स्कूल भी खुल चुके हैं, बच्चे स्कूल आने लगे हैं ऐसे में शिक्षक गण विभागीय निर्देश का पालन करते हुए पुस्तकों के बारकोड स्कैनिंग में व्यस्त और आ रही समस्याओं से हलाकान है।

कुछ शिक्षक प्रवेश प्रक्रिया का दायित्व निभा रहे हैं तो विद्यालय के अधिकांश शिक्षक पुस्तक को स्कैन करने में, इससे स्कूल आने वाले बच्चों की पढ़ाई पुस्तक प्राप्त न होने से बाधित हो रही है। प्राइमरी व मिडिल में भी पुस्तक 16 जून के पहले प्राप्त हो जाने चाहिए थे, किंतु ऐसा नही हो पाया है। जिससे हमेशा विवादों में रहने वाली शिक्षा विभाग एक बार फिर कटघरे में आ गई है। संगठन ने मांग की है शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यो से पृथक रखना चाहिए।