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नगरीय निकाय के लिए आरक्षण प्रक्रिया शुरू होते ही मचा बवाल, भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने चक्रानुक्रम प्रक्रिया पर उठाए सवाल

रायपुर। प्रदेश के विभिन्न निकायों के लिए होने वाले चुनाव के लिए महापौर पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया शुरू होते ही हंगामा मच गया. आरक्षण प्रक्रिया के दौरान रायपुर नगर निगम में दो बार सामान्य के बाद चक्रानुक्रम प्रक्रिया को लेकर बवाल मच गया. भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने चक्रानुक्रम के लिए तय साल को लेकर सवाल उठाया. 

दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में तय कार्यक्रम के अनुसार सुबह 10.30 बजे आरक्षण की प्रक्रिया शुरू हुई. 14 नगर निगम, 53 नगर पालिका और 125 नगर पंचायत मिलाकर कुल 192 नगरीय निकाय के लिए आरक्षण की प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा है. नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए भी आरक्षण प्रक्रिया होगी. पहले यह प्रक्रिया 27 दिसंबर को होने वाली थी, लेकिन तकनीकी अड़चनों की वजह से तारीख आगे बढ़ती गई.

जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी मौजूद में चल रही आरक्षण प्रक्रिया के दौरान रायपुर नगर निगम में दो बार सामान्य के बाद शुरू हुई चक्रानुक्रम प्रक्रिया को लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं में सवाल उठाए. भाजपा की मीनल चौबे और प्रफुल्ल विश्वकर्मा ने तो कांग्रेस के प्रमोद दुबे ने भी आरक्षण को लेकर सवाल उठाए. पार्षद मृत्युंजय दुबे ने कहा कि ST और SC के साथ अन्याय हो रहा है.

बता दें कि रायपुर निगर निगम में अनुसूचित जाति के लिए 2 सीट आरक्षित होंगी, वहीं अनुसूचित जनजाति की महिला के लिए एक सीट आरक्षित होगी. अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए नगर निगम में चार सीटें आरक्षित होंगी, इनमें से एक सीट महिला के लिए आरक्षित रहेगी. इसके अलावा सात सीटें सामान्य रहेंगी, जिनमें से एक सीट महिला के लिए आरक्षित होगी. इस तरह के नगर निगमों की 14 सीटों में से 5 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी.