Special Story

अब दो बार होगी सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षा, नहीं होगा सप्लीमेंट्री एग्जाम, ड्राफ्ट को मिली मंजूरी

अब दो बार होगी सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षा, नहीं होगा सप्लीमेंट्री एग्जाम, ड्राफ्ट को मिली मंजूरी

ShivFeb 26, 20252 min read

दिल्ली।   केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने दसवीं की परीक्षाएं…

ऑपरेशन आघात : पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई, 3 करोड़ की शराब के साथ दो अंतराज्यीय तस्कर गिरफ्तार

ऑपरेशन आघात : पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई, 3 करोड़ की शराब के साथ दो अंतराज्यीय तस्कर गिरफ्तार

ShivFeb 26, 20252 min read

जशपुर।  छत्तीसगढ़ की जशपुर पुलिस ने अंतराज्यीय शराब तस्करी के…

February 26, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

राज्योत्सव के दूसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति से कलाकारों ने जीत लिया दर्शकों का दिल

रायपुर।       राज्योत्सव के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ी गीतों की शानदार प्रस्तुति लोक कलाकारों ने दी। आरु साहू और राजेश अवस्थी ने ददरिया गीतों के साथ उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं मुंबई से आईं नीति मोहन ने शानदार गीतों की प्रस्तुति कर समां बांध दिया। शाम को राज्योत्सव का रंग गौरा-गौरी गीत से आरंभ हुआ। इसके बाद तो छत्तीसगढ़ के लोकगीतों की सुंदर श्रृंखला सज गई। लोकरंग राज्योत्सव परिसर पर पूरी तरह से छलक गये। गौरा-गौरी गीत के बाद राउत नाचा की रंगारंग प्रस्तुति हुई और राऊत नाचा के जोश से पूरा उत्सव स्थल सराबोर हो गया। इसके बाद फाग गीतों के रंग छलके। जब मुख मुरली बजाय का प्रदर्शन हुआ तो पूरा राज्योत्सव स्थल श्याम रंग से रंग गया। इसके बाद द्रूतगामी पंथी नृत्य का आयोजन हुआ। आरू साहू और राजेश अवस्थी जैसे ही मंच पर आये, दूर तक तालियां गूंजती रही। जब इन कलाकारों ने ददरिया की प्रस्तुति दी तो लोक रंग का जादू पूरे उत्सव में चढ़ गया। लोकप्रिय गीत बटकी म बासी चुटकी म नून गावत हव ददरिया कान देके सुन की प्रस्तुति ने पूरे माहौल में तरंग घोल दी। इसके बाद वालीवुड पार्श्व गायिका नीति मोहन प्रस्तुति देने आई। उन्होंने जय जोहार के अभिवादन के साथ सुमधुर गीतों की लड़ी प्रस्तुत की। चली रे जुनून का लिये कतरा, जिया रे जिया रे जैसे गीतों का प्रदर्शन कर उन्होंने पूरे माहौल में संगीत के रस घोल दिये। आज राज्योत्सव के दूसरे दिन लोकगीतों के साथ भारतीय सिनेमा के अद्भुत गीत-संगीत के जो सुर सुनने लोगों को मिले, उसने राज्य स्थापना दिवस की खुशियों में चार चांद लगा दिये।