Special Story

तीन नर कंकाल मामले में एसपी की बड़ी कार्रवाई, थाना प्रभारी लाइन अटैच

तीन नर कंकाल मामले में एसपी की बड़ी कार्रवाई, थाना प्रभारी लाइन अटैच

ShivNov 16, 20242 min read

बलरामपुर।  छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में 15 नवंबर को एक खेत…

November 16, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

Home » तपती गर्मी से बच्चों को सुरक्षित रखने आंगनबाड़ी केन्द्रों में कूलर का इंतेजाम

तपती गर्मी से बच्चों को सुरक्षित रखने आंगनबाड़ी केन्द्रों में कूलर का इंतेजाम

रायपुर।  घर आंगन में छोटे-छोटे नन्हे बच्चों को हंसते खिलखिलाते देखना सभी को अच्छा लगता है। बदलते मौसम में बच्चों की सेहत की चिंता भी माता-पिता के लिए एक बड़ी चुनौती है। गर्मी का मौसम इन सबमें परेशानी भरा होता है। भीषण गर्मी में बच्चों को लू ना लगे, इसलिए माता-पिता तरह-तरह के जतन करते हैं। ऐसा ही जतन छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों से प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों का किया जा रहा है।

महासमुंद जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में नन्हें मुन्ने बच्चों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कूलर और पंखे की व्यवस्था की गई है। अब आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे आनंद के साथ पढ़ रहे हैं। एक ओर सुकून का वातावरण मिलने से जहां बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है, वहीं कूलर और पंखे की व्यवस्था से आंगनबाड़ी केन्द्रों में भीषण गर्मी से निजात मिली है।

जिला प्रशासन ने जिले के सभी 1789 आंगनबाड़ी केन्द्रों में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य भी पूर्ण किया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में धुंए से मुक्त वातावरण के लिए चूल्हा-गैस सिलेण्डर भी उपलब्ध कराया गया है। बच्चों को शुद्ध और पौष्टिक भोजन गैस चूल्हा में पका कर दिया जा रहा है। इस व्यवस्था से आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों के पालक भी खुश हैं। महासमुंद के सुशील सैम्युअल वार्ड में संचालित आंगनबाड़ी में पढ़ने वाली सिद्धी देवार की मां लिलिमा देवार ने कहा कि इस साल आंगनबाड़ी में कूलर के लगने से हमारे बच्चे नियमित रूप से आंगनबाड़ी जा रहे हैं। पिछले वर्ष गर्मी में वे आंगनबाड़ी जाने से आनाकानी करते थे।

नयापारा वार्ड नम्बर 11 स्थित आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले सौरभ धीवर के पिता विष्णु धीवर ने बताया कि इस वर्ष गर्मी अधिक पड़ने से हम लोग चिंतित थे लेकिन आंगनबाड़ी केन्द्र में कूलर लगने से बच्चों को लू लगने की आशंका नहीं रहती। इसलिए हम लोग निश्चिंत होकर बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र नियमित तौर पर भेज रहे हैं।

आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को पौष्टिक भोजन देने के साथ ही कुपोषण को दूर करने के लिए सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य और पोषण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और मितानिनों की नियमित बैठक लेकर विस्तृत समीक्षा की जाती है। बच्चों को पौष्टिकता से भरपूर गर्म भोजन दिया जाता है। सुपोषण अभियान के तहत बच्चों को मोरिंगा और रागी से निर्मित चिकीबार भी दिया जाता है। इसके अलावा बच्चों को पूरक पोषण आहार के रूप में रेडी-टू-ईट भी दिया जाता है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी समीर पांडेय ने बताया कि इस वर्ष एनीमिया से पीड़ित 400 किशोरी बालिकाओं को सामान्य स्थिति में लाया गया है। जिले में 2023-24 में मनरेगा अभिसरण से कुल 46 नवीन आंगनबाड़ी का निर्माण स्वीकृत किया गया है। अभी जिले में अब स्वयं के भवन में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या 1699 हो गई है। इस वर्ष 91 नए केन्द्र बनाए गए हैं। वहीं कुपोषित बच्चों के लिए पिथौरा में पोषण पुनर्वास केन्द्र भी प्रारम्भ किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं के लिए जन्मपूर्व और प्रसवपूर्व देखभाल सुनिश्चित करती है और नवजात शिशुओं और शिशुवती माताओं के लिए निदान और देखभाल करती हैं। वे 0 से 6 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के टीकाकरण का प्रबंध करती हैं। महिलाओं और बच्चों के लिए नियमित स्वास्थ्य और चिकित्सा जाँच की निगरानी उनकी मुख्य जिम्मेदारियों में से एक है।