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विकसित भारत के सपने को साकार करने में युवाओं की है महत्वपूर्ण भूमिका: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

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ShivJan 21, 20253 min read

रायपुर।     उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज राजधानी रायपुर के…

छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष के खिलाफ हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, जानिए क्या है मामला

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ShivJan 21, 20251 min read

रायपुर।   छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष अरुण मिश्रा के…

अमर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया माल्यार्पण

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ShivJan 21, 20253 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को उज्जैन की…

January 21, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सशस्त्र सैन्य समारोह 2024: परमवीर चक्र से सम्मानित अब्दुल हमीद के रिकॉइललेस गन की लगाई गई प्रदर्शनी, जिसने तबाह किए थे 8 पाकिस्तानी टैंक

रायपुर।   राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में 5 अक्टूबर से आयोजित भव्य सशस्त्र सैन्य समारोह में लोकप्रिय 106 मिमी रिकॉइललेस राइफल (आसीएल गन) की प्रदर्शनी लगाई गई है. इसकी खासियत यह है कि इसे परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद अब्दुल हमीद ने 1965 के भारत-पाकिस्तान जंग में इस्तेमाल करते हुए 8 पाकिस्तानी टैंकों को नष्ट किया था.

CQMH अब्दुल हमीद एक प्रशिक्षित एंटी टैंक गनर थे जिनके पास 1965 के युद्ध में आर सी एल प्लाटून की जिम्मेदारी थी. पाकिस्तान ने अपनी पहली सैन्य कार्यवाही प्रथम आर्मड डिविजन द्वारा 08 सितम्बर 1965 में 4 ग्रेनेडियर्स (चीमा गाँव) के विरूद्ध की. अब्दुल हमीद ने आठ पाकिस्तानी टैंकों को नष्ट किया। लेकिन जब वे अगला निशाना साध रहे थे, तभी दुश्मन के टैंक ने उनकी इस जीप पर निशाना लगाया और वे शहीद हो गए. उनकी शहादत के बाद उन्हें इस बहादुरी के लिए सी क्यू एम एच अब्दुल हमीद को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया.

106 एमएम रिकॉइललेस गन

पहली बार 1960 के दशक में कोरियाई युद्ध के दौरान विनाशकारी प्रभाव के लिए इस्तेमाल किया गया था और इसका इस्तेमाल वियतनाम में अमेरिकी मरीन कॉर्प्स द्वारा किया गया था. 106 मिमी आरसीएल एक ब्रीच-लोडेड, सिंगल शॉट, मैन-पोर्टेबल, क्रू-सर्व्ड डब्लूपीएन है जिसका इस्तेमाल एंटी-टैंक और एंटी-पर्सनल दोनों भूमिकाओं में किया जा सकता है. यह मानक बंदूकों की तुलना में उच्च वेग से आर्टिलरी-प्रकार के गोले दागने में सक्षम है.