यूनिसेफ द्वारा छत्तीसगढ़ में कमजोर वर्गो को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना
रायपुर। यूनिसेफ नई दिल्ली की सामाजिक नीति और सामाजिक सुरक्षा प्रमुख ह्यून ही बान के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ आये दल ने छत्तीसगढ़ नीति आयोग के मार्गदर्शन में कमजोर वर्गो के समुदायों के बीच सामाजिक सुरक्षा की पहुंच बढ़ाने और बच्चों के अधिकार के लिए किए जा रहे कार्यो की सराहना की।
राज्य नीति आयोग में आज शाम हुई बैठक में सुश्री बान ने छत्तीसगढ़ राज्य नीति आयोग सामाजिक नीति तकनीकी सहायता इकाई के काम की सराहना करते हुए कहा देश के अन्य राज्य भी नवीन नीतियों और कार्यक्रमों के लिए इस इकाई की गतिविधियों का अनुकरण कर सकते हैं। उन्होंने आयोग सामाजिक नीति तकनीकी सहायता इकाई के नवोन्वेषी मॉडल की तारीफ करते हुए आयोग की सदस्यों को नई दिल्ली स्थित नीति आयोग में प्रस्तुतीकरण के लिए आमंत्रित किया। छत्तीसगढ़ राज्य नीति आयोग में गठित सामाजिक नीति तकनीकी सहायता इकाई के माध्यम से राज्य और जिला स्तर पर साक्ष्य-आधारित नीतियों को विकसित करने और योजनाओं, कार्यक्रमों और सूचकांको में प्रगति की निगरानी में तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए यूनिसेफ के साथ एक संयुक्त उद्यम है।
सुश्री बान के नेतृत्व में यूनिसेफ की दल गत दिनों कोंडागांव में युवोदय कार्यक्रम, दंतेवाड़ा मे छत्तीसगढ़ पंचायत नेटवर्क फॉर चिल्ड्रन (सीजी-पंच) का प्रत्यक्ष अवलोकन किया और इन कार्यक्रमों को सराहा। यूनिसेफ के दल ने रायपुर में छत्तीसगढ़ एलायंस फॉर सोशल प्रोटेक्शन कार्यक्रम की प्रशंसा की। इस कार्यक्रम के जरिए कमजोर समुदायों के बीच सामाजिक सुरक्षा की पहुंच बढ़ाने में सहायता दी जा रही है।
राज्य नीति आयोग के सदस्य सचिव अनुप कुमार श्रीवास्तव ने आकांक्षी ब्लॉकों और जिलों में यूनिसेफ के काम की सराहना की और छत्तीसगढ़ में बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए यूनिसेफ के साथ साझेदारी के लिए आयोग की प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस बैठक में आयोग के संयुक्त संचालक नीतू गौरडिया, आपातकालीन विशेषज्ञ यूनिसेफ नई दिल्ली सरबजीत सिंह सहोता, सामाजिक नीति विशेषज्ञ, यूनिसेफ डॉ. बाल परितोष दास, यूनिसेफ के आपातकालीन पदाधिकारी विशाल वासवानी एवं एसपीटीएसयू के डॉ. संतु मैती एवं डॉ. हेमंत कुमार उपस्थित थे।