Special Story

मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में हुए शामिल

मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में हुए शामिल

ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज यहां नवा रायपुर के…

थाना प्रभारी सहित पुलिसकर्मियों के हुए तबादले, देखिये किसे कहां भेजा गया

थाना प्रभारी सहित पुलिसकर्मियों के हुए तबादले, देखिये किसे कहां भेजा गया

ShivJun 15, 20251 min read

दुर्ग। जिले में प्रशासनिक कारणों से शनिवार को पुलिस अधीक्षक…

‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर।  पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर हो रहे इस राष्ट्रीय…

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

ShivJun 15, 20251 min read

रायपुर। डुंडा पाम मिडास के बाजू फ्रेंड्स क्लब कॉलोनी के…

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

ShivJun 15, 20252 min read

कोंडागांव।   कोंडागांव जिला में एक पिकअप वाहन के पलटने से…

June 15, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

मेकाहारा की एक और उपलब्धि: दक्षिण अफ्रीका के मरीज की सफल सर्जरी, पेशेंट के अटेंडर ने कहा- भारत के डॉक्टरों पर हमें पूरा भरोसा

रायपुर।   पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित जनरल सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने राजधानी रायपुर में पढ़ाई कर रही साऊथ अफ्रीकी छात्रा के गाल ब्लैडर के स्टोन (पित्ताशय की पथरी) की सफल लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी सर्जरी कर विगत छह महीनों से मरीज को रह-रहकर उठने वाले पेट दर्द की समस्या से निजात दिलाई है। हालांकि यह सर्जरी विभाग में रूटीन में होती है लेकिन विगत दिनों की गई लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी इसलिए विशेष है कि छात्रा ने सर्जरी के लिए अपने देश वापस जाने की बजाय अम्बेडकर अस्पताल के डॉक्टरों पर भरोसा करते हुए यहीं सर्जरी कराने का निश्चय किया। मरीज के अटेंडर सिबोनेलो सनेलिस जुंगु का कहना है कि भारत के डॉक्टर साउथ अफ्रीका में मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज कर रहे तो हम भी भारत में क्यों नहीं इलाज करा सकते? हमें यहां के डॉक्टरों पर पूरा भरोसा है।

जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मंजू सिंह के अनुसार, राज्य के निजी विश्वविद्यालय में बीएससी साइकोलॉजी में अध्ययनरत 21 वर्षीय छात्रा को 06 मई 2025 की रात को पेट में तीव्र दर्द की शिकायत हुई। साथ में उल्टी और भूख नहीं लग रही थी। छात्रा निजी अस्पताल में गई जहां उसकी जांच में पित्ताशय की पथरी होने की पुष्टि हुई। मरीज के परिजनों ने विगत कुछ समय से चिकित्सा महाविद्यालय एवं अम्बेडकर अस्पताल में हुई कई सफल ऑपरेशन के बारे में सुना था। इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका के कई अस्पतालों में भारतीय डॉक्टर सेवा दे रहे हैं जिससे मरीज के घरवालों का विश्वास भी यहां के डॉक्टरों के प्रति बरकरार है। अंततः उनके घरवालों को विश्वविद्यालय द्वारा सूचना दी गई और उनके अटेंडर ने अम्बेडकर अस्पताल का चयन किया और मरीज को यहां लेकर आये। जहां पर सर्जरी विभाग में मरीज का उपचार चला। सभी जांचें हुईं और मरीज की लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी मिनिमल इनवेसिव सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद मरीज का कहना है कि वह पहले से बहुत अच्छा महसूस कर रही है और उसे अब पेट में दर्द भी नहीं हो रहा है।

डॉ. मंजू सिंह के अनुसार, जब ये छात्रा यहां भर्ती हुई तब हमने नियमानुसार सबसे पहले इसकी सूचना चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. विवेक चौधरी और अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर को दी। डीन डॉ. विवेक चौधरी एवं अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने मरीज की सर्जरी से संबंधित समस्त औपचारिकताओं को अतिशीघ्र पूर्ण कराकर विदेशी छात्रा के इलाज को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। साथ ही छात्रा के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। सर्जरी के बाद मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो गई है।

सर्जरी विभाग में नियमित रूप से होती है लेप्रोस्कोपिक सर्जरी – डॉ. सोनकर
अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर (जो स्वयं सर्जरी विभाग के सर्जन हैं) के अनुसार सर्जरी विभाग में सभी प्रकार के लेप्रोस्कोपिक सर्जरी जैसे – हर्निया सर्जरी, हाइडैटिड सिस्ट, लेप्रोस्कोपिक एपेंडेक्टोमी, डायग्नोस्टिक लेप्रोस्कोपिक, लेप्रोस्कोपिक रेक्टोपेक्सी, लेप्रोस्कोपिक जीआई सर्जरी, लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी, लेप्रोस्कोपिक वेंट्रल और इंसिज़नल हर्निया सर्जरी नियमित रूप से होते हैं। ये सभी सर्जरी शासन की स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत निशुल्क होते हैं।

क्या है लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी

लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें गाल ब्लैडर (पित्ताशय) को शरीर से हटाया जाता है। यह प्रक्रिया लेप्रोस्कोप नामक एक पतली कैमरा लगी हुर्द ट्यूब की सहायता से की जाती है जो पेट के भीतर का दृश्य स्क्रीन पर दिखाती है। पित्ताशय की पथरी हो जाने पर गाल ब्लैडर को हटाया जाता है। मरीज को सामान्य एनेस्थीसिया दिया जाता है। एक चीरे से लेप्रोस्कोप डाला जाता है और अन्य चीरे से सर्जिकल उपकरण। स्क्रीन पर देखते हुए गाल ब्लैडर को काटकर निकाल दिया जाता है। चीरे बंद कर टांके लगाए जाते हैं। इस सर्जरी में कम चीरे, कम दर्द, जल्दी रिकवरी हो जाती है और अस्पताल में कम समय लगता है। लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित मानी जाती है जब तक की मरीज को कोई अन्य जटिलता न हो।

मरीज का ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. मंजू सिंह के साथ डॉ.अमित अग्रवाल, डॉ. मनीष साहू, डॉ.अंजलि जालान, डॉ. आयुषी गोयल, डॉ.पूजा जैन एवं एनेस्थीसिया टीम में डॉ. प्रतिभा शाह एवं डॉ. मंजुलता टंडन एवं शामिल रहीं।