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खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने छत्तीसगढ़ सरकार प्रतिबद्ध – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

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ShivNov 17, 20243 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के…

फ्लैट खरीदी-बिक्री में फर्जीवाड़ा, पटवारी के असिस्टेंट समेत दो आरोपी गिरफ्तार

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ShivNov 17, 20241 min read

बिलासपुर।  फ्लैट खरीदी-बिक्री के मामले में फर्जीवाड़ा करने का मामला…

एक महिला समेत तीन संदिग्ध विदेशी नागरिक गिरफ्तार, जानिए क्या है पूरा मामला

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ShivNov 17, 20242 min read

बिलासपुर। रतनपुर पुलिस को एक महिला समेत तीन संदिग्ध विदेशी नागरिकों…

संगठित समाज ही विकसित समाज की पहचान: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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ShivNov 17, 20242 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय रायपुर के ग्राम फुंडहर में…

November 17, 2024

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अमृतकाल: विकसित छत्तीसगढ़ @2047- राज्य नीति आयोग और शिक्षा जगत के साथ हुआ सार्थक संवाद कार्यक्रम

रायपुर।    छत्तीसगढ़ राज्य नीति आयोग द्वारा ‘अमृतकाल: विकसित छत्तीसगढ़ @ 2047’ ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह संवाद छत्तीसगढ़ के भविष्य की दिशा को निर्धारित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया, जिसमें 2047 तक प्रदेश के विकास के लिए आवश्यक नीतियों और योजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम ने की। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव आर प्रसन्ना, आयुक्त जनक पाठक और आयोग के संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गोरडिया शामिल थे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के कुलपतियों, प्राध्यापकों, छात्रों और शोधकर्ताओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। विभिन्न सत्रों में शिक्षा, तकनीकी नवाचार, कृषि विकास, शहरी और ग्रामीण विकास, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समावेश पर विचार-विमर्श किया गया।

कार्यक्रम में छात्रो एवं फैकल्टी द्वारा छत्तीसगढ़ के विकास की संभावनाओं और चुनौतियों पर विचार व्यक्त किया गया। उन्होंने राज्य को विकसित बनाने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग और तकनीकी विकास, समावेशी और सतत विकास हेतु अनेक सुझाव दिए। जिसमें राज्य में शोध हेतु केन्द्रीय लैब की आवश्यकता, समरसता हेतु सर्वांगीण विकास, उद्यानिकी और बहुफसली खेती को प्रोत्साहन, छात्राओं हेतु आत्म सुरक्षा प्रशिक्षण, उद्यमों और शिक्षण संस्थाओं के मध्य लिंकेज, पढ़ाई के साथ कौशल विकास और आर्थिक स्वावलंबन जैसे महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए।