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मेलों और उत्सवों को पूरा प्रोत्साहन देगी राज्य सरकार: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivNov 17, 20242 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार…

भारत की पहचान अपनी गुरूत्व शक्ति : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivNov 17, 20243 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारत…

छत्तीसगढ़ में बैगा आदिवासियों के साथ 50 लाख का फर्जीवाड़ा!

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ShivNov 17, 20242 min read

कवर्धा।  छत्तीसगढ़ में बैगा आदिवासियों के नाम पर कथित रूप…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन

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ShivNov 17, 20241 min read

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November 17, 2024

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अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन @ 2047- कृषि से संबंधित लक्ष्य, चुनौतियों पर विस्तृत मंथन

रायपुर।      छत्तीसगढ़ राज्य नीति आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट 2047 तैयार करने के संबंध में आज स्थानीय न्यू सर्किट हाउस में संवाद कार्यक्रम का शुभारंभ वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी द्वारा किया गया। छत्तीसगढ़ को देश में कृषि एवं प्रसंस्कृत सुपरफूड का पावर हाऊस बनाने आज कृषकों ने कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, बागवानी फसलों, कृषि के क्षेत्र में बुनियादी ढ़ाचे में सुधार सहित अनेक मुद्दों पर अपना सुझाव दिए। बैठक में कृषि से संबंधित लक्ष्य, चुनौतियां एवं सामर्थ्य विषय पर विस्तार से मंथन किया गया।

इस संवाद कार्यक्रम में ‘युवा, कृषक, महिला व प्रबुद्धजनों ने परिचर्चा में भाग लिया और विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के संबंध में अपनी परिकल्पनाओं के संबंध में अपने विचार व्यक्त किया।

वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी में कार्यक्रम में आए युवा, कृषक, महिला एवं प्रबुद्धजनों का अभिनंदन करते हुए कहा कि आप सभी अपने क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोग हैं। देश और राज्य को ऊंचाई तक पहुंचाने में आपके विचार प्रभावी योगदान दे सकते हैं। ’’अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन @ 2047’’ डॉक्यूमेंट तैयार करने का सिलसिला जारी है। कृषकों ने संवाद कार्यक्रम में वानिकी उत्पादों के साथ मजबूत ब्रांड का निर्माण करने, खाद्य प्रसंस्करण तकनीकों का कार्यान्वयन, कौशल उन्नयन और बुनियादी ढांचे में निवेश, फसलों का पैदावार बढ़ाने, मूल्य वर्धित उत्पादों के उत्पादन के लिए बागवानी पर ध्यान केंद्रित करनेे पर भी विचार-विमर्श हुआ।

कृषकों द्वारा कृषि सेवा केेन्द्र को बढ़ाने, कृषिजोत आकार को बढ़ाने खेतों के चकबंदी योजना बनाने, फसल चक्र को बढ़ावा देने किसानों के लिए पर्याप्त ऋण सुविधा उपलब्ध कराने, मृदा जांच तथा छत्तीसगढ़ को जड़ी बूटी और वनोपज के केंद्र के रूप में विकसित करने, वनोपज व्यापार केंद्र बनाने, भंडारण प्रसंस्करण और परिवहन के लिए बुनियादी ढांचा बनाने, किसानों को सक्षम बनाने राज्य सरकार द्वारा की जा रही पहल, लघु वनोपजों की मजबूती, जल और सिंचाई की पर्याप्त उपलब्धता पशुपालन व गोपालन प्रबंधन, प्रति एकड़ कृषि आय में वृद्धि करने, सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान दर में वृद्धि सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर सुझाव दिए गए।

कृषि भूमि के बेहतर उपयोग एवं अन्तर्वर्तीय फसल को बढ़ाने की क्षमता, प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक आय में बढ़ोतरी, किसानों के लिए बेहतर ऋण की सुविधा, उन्नत तकनीकी की आवश्यकता, उत्पादकता एवं क्षमता बढ़ाने के लिए सटीक खेती जैसे विषयों को डाक्यूमेंट में शामिल करने की बात की गई।

राज्य के विभिन्न जिलों से आए कृषकों ने सुझाव देते हुए कहा कि किसानों के लिए समन्वित योजना बनाए जाने की आवश्यकता है। कृषि में परिवहन बहुत बड़ा मुद्दा है, सस्ते परिवहन पर विचार करना चाहिए। किसानों को उत्पादित फसलों का उचित मूल्य मिलना चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा किसानोें के हित के लिए बनाई जाने वाली योजनाओं की जानकारी किसानों को समय पर मिलना चाहिए।

कृषकों ने कृषि अनुसंधान एवं विकास में निवेश करने, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर जोर देने, जैविक खेती, खाद्य वितरण प्रणाली और कोल्ड स्टोरेज को मजबूत करने सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर अपना सुझाव दिए।

कृषकों ने यह भी सुझाव दिया कि प्रत्येक फसल में अधिकतम मूल्य वर्धन करना, कृषि से संबंधित गतिविधियों में आय में वृद्धि, देश और विदेशों में नए बाजार खोलने, निर्यात केंद्र, प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं, नर्सरी, डिजिटल और वित्तीय साक्षरता अभियान चलाने की आवश्यकता, वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने, वन धन शक्ति के तहत क्षमता निर्माण और सरकारी समितियां के माध्यम से जनजातीय समाज को सशक्त बनाने, सरकारी बाजार, पीपीओ और सरकारी समितियां को बढ़ावा देने जैसे अन्य महत्वपूर्ण विषयों का समावेश डॉक्यूमेंट में होना चाहिए।

इस संवाद कार्यक्रम में अंकिता वर्मा, मोतीराम सिन्हा, कुलदीप पटेल, रजनीश गुप्ता, अपूर्वा त्रिपाठी, मोहन पटेल, राजेश गुप्ता, राम शर्मा, बिंदेश्वरी शर्मा, पुष्कर चंद्राकर, पंकज शर्मा सहित राज्य से आए अनेक प्रगतिशील कृषकों एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सुझाव दिया गया।