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ShivMay 10, 20252 min read

रायपुर। भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों…

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May 10, 2025

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अमित शाह की खुली चेतावनी : नक्सलियों पर होगा अब अंतिम प्रहार, 2026 तक का टारगेट तय, साय सरकार की जमकर तारीफ

रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इंटर स्टेट कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक के बाद प्रेस वार्ता को संबोधित किया. नक्सलियों को खुली चुनौती देते हुए शाह ने कहा, यदि वे अपना रास्ता नहीं बदलते हैं तो अंतिम प्रहार होगा. छत्तीसगढ़ समेत देश को 2026 तक नक्सल समस्या से मुक्त कर लेंगे. वामपंथी उग्रवाद की वजह से लोग निरक्षर रह गए हैं उन्हें साक्षर बनाने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पहल करेगी. एनआईए की तर्ज पर एसआईए बनाएंगे. राज्य सरकार जल्द नई सरेंडर पॉलिसी की घोषणा करेगी. उन्होंने साय सरकार की तारीफ करते हुए कहा, नक्सल मामले में छत्तीसगढ़ में बड़ी कामयाबी मिली है.

अमित शाह ने कहा, छत्तीसगढ़ की बहुत पुरानी नक्सलवाद की समस्या और नक्सल प्रभावित जिलों में भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की योजना का सैचुरेशन, विकास योजनाओं की प्रगति और सामने आ रही अड़चनों पर बैठक ली है. छत्तीसगढ़ की नक्सल समस्या की समीक्षा करते हैं तो पड़ोसी राज्यों का समन्वय जरूरी है. नक्सल वाद के खिलाफ रूथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार करने का वक्त आ गया है. हमारा मानना है कि वामपंथी उग्रवाद देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. पिछले चालीस सालों में करीब 17 हजार लोगों की जान गई है. जब से केंद्र में मोदी सरकार बनी इस समस्या को चैलेंज के रूप में स्वीकार किया.

शाह ने कहा, जिनके हाथ में हथियार है उनके हाथ से हथियार छुड़ाना और जो नहीं छोड़ रहे हैं उन्हें इंगेज करने की दिशा में काम किया गया. इसके साथ ही वामपंथ उग्रवाद क्षेत्र का विकास करना भी प्राथमिकता रही है. कई एचीवमेंट रहा है. 2022 में चार दशकों में मृत्यु का प्रतिशत सबसे कम रहा. टॉप 14 नक्सली लीडर को न्यूट्रालाइज किया गया. हमने दो उद्देश्यों को लेकर काम किया. पहला नक्सल क्षेत्रों में रूल ऑफ़ ला को इस्टेब्लिश करना और दूसरा उन इलाकों को विकसित करना.

96 से घटकर 42 हुए नक्सल प्रभावित जिले

उन्होंने कहा, बिहार, झारखंड, ओड़िशा, मध्यप्रदेश और कुछ हद तक महाराष्ट्र नक्सल समस्या से मुक्त हुआ है. 2004 से 2014 तक 16 हजार घटनाएं हुई थी और 2014 के बाद से अब तक करीब 7 हजार घटनाएं हुई है. करीब 53 फीसदी की कमी आई है. नागरिक सुरक्षा में 79 फ़ीसदी का आंकड़ा रहा है. 2010 में 96 नक्सल प्रभावित जिले थे. आज यह करीब 42 पर आ गए हैं. थानों की संख्या 171 तक सीमित हुई है. 2019 से अब तक सीएपीए के दो सौ से ज्यादा कैंप बनाए गए. वामपंथ उग्रवाद के फाइनेशियल सिस्टम पर करारा प्रहार किया गया है. इसमें ईडी की भी बड़ी भूमिका रही है.

सीएम साय और डिप्टी सीएम को दिया धन्यवाद

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा को धन्यवाद देता हूं कि नक्सल मामले में बड़ी कामयाबी मिली है. बड़ी संख्या में नक्सली न्यूट्रालाइज किया गया. नये कैंप खुले. हिड़मा के गांव में जाकर डिप्टी सीएम ग्रामीणों को आधार कार्ड देता है तो यह सब देखकर दिल्ली में हमें सुकून मिलता है. सुकमा के छह गांवों में आजादी के बाद पहली बार आदिवासियों ने मतदान का इस्तेमाल किया है. आज सुरक्षा बलों के जवान सुरक्षा मुहैया कराने के साथ-साथ क्षेत्र के विकास के लिए भी योगदान दे रहे हैं.

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ी सुविधाएं

बस्तर में 1500 से ज्यादा मोबाइल टावर लगाकर कनेक्टिविटी देने का काम किया है. सड़कों की कनेक्टिविटी को बेहतर किया गया है. हर तीन किलोमीटर में एक डाकघर खोला गया है. बैंक, एटीएम जैसी सुविधाएं पहली बार अंदूरूनी इलाको में पहुंचा है. कौशल विकास के लिए आईटीआई खोले गए हैं. 164 एकलव्य विद्यालय खोले गए हैं.

नक्सली हथियार छोड़ें, हम उनकी चिंता करेंगे

शाह ने कहा, अलग-अलग राज्य सरकारों के बीच जॉइंट टास्क फ़ोर्स बनाया गया है. केंद्र सरकार की एजेंसियां कोआर्डिनेशन को बेहतर कर रही है. ⁠फर्जी मुठभेड़ के आरोपों पर अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस अपना काम कर रही है. हम अपना काम कर रहे हैं. ⁠शांति वार्ता पर अमित शाह ने अपील करते हुए कहा कि नक्सली सरेंडर करें, हथियार छोड़े हम उनकी चिंता करेंगे. हिड़मा के गांव जाने के सवाल पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्य के गृहमंत्री अगर मुझे लेकर जाएंगे तो मैं चला जाऊंगा.