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विकसित भारत के सपने को साकार करने में युवाओं की है महत्वपूर्ण भूमिका: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

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ShivJan 21, 20253 min read

रायपुर।     उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज राजधानी रायपुर के…

छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष के खिलाफ हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, जानिए क्या है मामला

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ShivJan 21, 20251 min read

रायपुर।   छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष अरुण मिश्रा के…

अमर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया माल्यार्पण

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ShivJan 21, 20253 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को उज्जैन की…

January 21, 2025

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बलौदाबाजार हिंसा मामले में अमित जोगी की एंट्री, इन मांगों को लेकर 1 जुलाई से करेंगे आमरण अनशन…

रायपुर। बलौदाबाजार हिंसा मामले में अमित जोगी ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने घोषणा की है कि वे 1 जुलाई से बलौदाबाजार में आमरण अनशन करेंगे. जोगी की इस अनशन की मुख्य दो मांगे हैं. उनकी पहली मांग है कि नवनिर्मित जिला बलौदाबाजार का नाम “घासीदासधाम” किया जाए और दूसरी मांग है कि हाई कोर्ट के जज की विवेचना रिपोर्ट आने तक सभी बंदियों की निःशर्त रिहाई की जाए. उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी लिखा है कि यही मेरे स्वर्गीय पिता (अजीत जोगी) जी को सही श्रद्धांजलि होगी.

अमित जोगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि कांग्रेस और बीजेपी ने सतनामियों को प्रताड़ित किया है, जिसके विरोध में वे आमरण अनशन करेंगे. वहीं उनके इस ऐलान से बलौदाबाजार हिंसा मामले में एक नया मोड़ आ गया है. उन्होंने 5 बिंदुओं में ट्वीट कर अपनी मांगे रखी है, जो इस प्रकार हैं:

1. धर्मपुरा से लेकर अमर गुफा तक,विगत 6 सालों से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार और भाजपा की साय सरकार ने सतनाम पंथ के अनुयायियों को अपनी वोटबैंक पॉलिटिक्स के कारण प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

भूपेश सरकार ने उनका आरक्षण- 16 से 13%- कम कर दिया,उनके धर्म स्थलों को ध्वस्त कर दिया और उनकी जगह- 30,000 आरक्षित पदों में-अन्य वर्गों को रोज़गार दे दिया और इन सबके विरोध में लड़ाई लड़ने वाले समाज के युवाओं को जेल में डाल दिया.यही कारण है कि दिसंबर 2023 में सरकार को बदल दिया.

2. बलौदा बाजार SP की 10 मई 2024 की अमर गुफा घटना की फर्जी विवेचना और जिला प्रशासन की 15 जून 2024 को अभूतपूर्व प्रशासनिक विफलता सिद्ध करती है कि भाजपा की साय सरकार भी भूपेश सरकार की राह में चल रही है.

3. सतनामी समाज के गिरौधपुरी से लेकर भंडारपुरी धाम तक लगभग सभी गुरुओं ने सत्ता के साथ 1980 से अपनी-अपनी बदलती राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण सरकार न कि समाज का साथ दिया है.यही कारण है कि सदियों से ग़ुलामी के ख़िलाफ़ बग़ावत करने वाला सतनामी समाज सामाजिक और राजनीतिक रूप से पूर्णतः नेतृत्वविहीन हो चुका है और गुरुओं की जगह समाज के युवाओं ने ले ली है.

4. 10 मई 2024 की अमर गुफा एक अकेली घटना नहीं थी. इसे 22 जुलाई 2022 को धर्मपुरा के जैतख़ाम और भूपेश सरकार द्वारा बुलडोज़र से गुरुद्वारा के ध्वस्तीकरण के साथ जोड़ना आवश्यक इसलिए है क्योंकि दोनों राष्ट्रीय दलों भाजपा और कांग्रेस ने सतनामी समाज की ताक़त को ख़त्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.इसका ख़ामियाज़ा दोनों को भुगतना पड़ेगा.

5. 2001 में कबीर पंथ के गुरु प्रकाश मुनि नान साहेब के आग्रह पर पापा स्वर्गीय अजीत जोगी ने कवर्धा ज़िले का नाम कबीरधाम कर दिया था. इसी परंपरा का निर्वहन करके बाबा गुरु घासीदास की जन्मभूमि,मातृभूमि और कर्मभूमि,नवनिर्मित जिला बलौदाबाजार को घासीदास करने और हाई कोर्ट के जज की विवेचना रिपोर्ट आने तक सभी बंदियों की निःशर्त रिहाई की दो माँगों को लेकर मैं 1 जुलाई 2024 से बलौदा बाज़ार में आमरण अनशन करूँगा. यही मेरे स्वर्गीय पिता जी को सही श्रद्धांजलि होगी.