Special Story

साहसी श्री वारिस खान मध्यप्रदेश का गौरव: मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव

साहसी श्री वारिस खान मध्यप्रदेश का गौरव: मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव

ShivNov 15, 20241 min read

भोपाल।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजगढ़ जिले के…

प्रदेश में गीता जयंती भव्य रूप में मनाई जाएगी: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

प्रदेश में गीता जयंती भव्य रूप में मनाई जाएगी: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivNov 15, 20242 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में…

माँ क्षिप्रा के पावन स्नान का सौभाग्य मिले वर्ष भर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

माँ क्षिप्रा के पावन स्नान का सौभाग्य मिले वर्ष भर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivNov 15, 20242 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि माँ क्षिप्रा…

November 16, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

Home » आत्मरक्षा प्रशिक्षण के नाम पर राशि का बंदरबांट : शिक्षा विभाग के अफसरों की उदासीनता के चलते जमकर चली मनमानी

आत्मरक्षा प्रशिक्षण के नाम पर राशि का बंदरबांट : शिक्षा विभाग के अफसरों की उदासीनता के चलते जमकर चली मनमानी

मुंगेली। जिले के पथरिया विकासखंड में स्कूली बालिकाओं को दी जाने वाले रानी लक्ष्मीबाई आत्म प्रशिक्षण के नाम पर शासकीय राशि का बंदरबांट करने का मामला सामने आया है. शिक्षा विभाग के अफसरों पर आरोप लगाते हुए कर्राटे प्रशिक्षण कार्य से जुड़े प्रशिक्षक चैतराम साहू ने मामले की शिकायत कलेक्टर राहुल देव से की है. कलेक्टर के निर्देश पर मामले की जांच हुई तो कई चौंकाने वाले कारनामे सामने आए.

जानिए कैसे उठा इस खेल से पर्दा

शिकायतकर्ता चैतराम साहू ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए कहा था कि पथरिया विकासखण्ड के जिन स्कूलों में बालिकाओं को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाना था, उन स्कूलों में प्रशिक्षण के नाम पर शासकीय राशि का जमकर बंदरबांट किया गया है। शिकायत में यह भी कहा गया था कि प्रशिक्षण के नाम पर खानापूर्ति करते हुए स्कूल शिक्षकों द्वारा ही प्रशिक्षण दे दिया गया है, जबकि इसके लिए जुडो, कर्राटे, ताइक्वांडो, किक बॉक्सिंग, मार्शल आर्ट जैसे अन्य विधाओं में पारंगत खिलाड़ी या प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाना था।

कलेक्टर के निर्देश पर मामले की जांच हुई तो पता चला कि पथरिया विकासखण्ड के कई स्कूलों में बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिए जाने के नाम पर भुगतान किया गया है। कायदे से जारी गाइडलाइन के मुताबिक प्रति स्कूल 15 हजार रुपये की राशि का भुगतान प्रशिक्षकों को PFMS पोर्टल के माध्यम से प्रधानपाठक या प्राचार्य द्वारा किया जाना था, लेकिन नियम विपरीत स्कूल के प्राचार्य और प्रधानपाठकों ने सीधे प्रशिक्षक को नगद भुगतान कर दिया.

मॉनिटरिंग नहीं होने से चली मनमर्जी

इधर शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी और उदासीन रवैय्ये के चलते इसको लेकर मॉनिटरिंग भी नहीं किए जाने की ख़बर है। यही वजह है कि कई स्कूलों में आज तक प्रशिक्षण भी नहीं हुआ है और जहां हुआ भी है उनमें से कई स्कूलों में गाइडलाइन से परे प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण देकर नियम विरुद्ध तरीके से राशि आहरण किया गया है। और तो और कई स्कूलों में तो प्रशिक्षण हुआ भी हैं तो प्रशिक्षकों को स्वीकृत राशि से कम भुगतान किया गया है।

शिकायतकर्ता ने उठाया सवाल

शिकायतकर्ता ने सवाल उठाया है कि नियम विरुद्ध स्कूल शिक्षकों ने शाला अवकाश के बाद प्रशिक्षण लेने की बात कहते हुए जिस तरह से स्कूलों में प्रशिक्षण दिया है और फिर नियम विरुद्ध तरीके से प्रधान पाठक एवं प्राचार्यों ने भुगतान किया है। यह मनमर्जी जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता और मॉनिटरिंग नहीं करने की वजह से निर्मित हुई है.

गाइडलाईन को किया गया दरकिनार

प्रशिक्षकों के चयन को लेकर आत्मरक्षा प्रशिक्षण की जिम्मा संभाल रहे शिक्षा विभाग के अफसर को जिला स्तर पर चयन टीम बनाना था, जिस पर कलेक्टर के अनुमोदन के पश्चात ही प्रशिक्षकों का चयन होता और फिर उन्हें स्कूलों का प्रशिक्षण के लिए आबंटित किया जाता, लेकिन नियम कायदों को दरकिनार कर बालिकाओं को आत्म निर्भर बनाने जैसे महत्वपूर्ण प्रशिक्षण का कार्य शिक्षा विभाग के अफसरों की लापरवाही के चलते मजाक बनता नजर आ रहा है, क्योंकि जिम्मेदारों ने प्रशिक्षण को लेकर न मॉनिटरिंग किया और न ही मॉनिटरिंग दल का गठन किया.

दोषियों पर होगी कार्रवाई -कलेक्टर

आत्मरक्षा प्रशिक्षण के नाम पर शासकीय राशि का बंदरबांट और मनमानी का खुलासा होते ही शिक्षा विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। डीईओ सीके धृतलहरे का कहना है कि जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर दिया गया है। PFMS पोर्टल के माध्यम से भुगतान करने की बजाय नगद भुगतान किया गया है. इसके अलावा कुछ शिक्षकों द्वारा भी प्रशिक्षण देने की बात सामने आई है तो संबंधितों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जा रहा है। इस मामले में कलेक्टर राहुल देव का कहना है कि इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसको लेकर जांच कराई गई. जांच में कुछ खामियां पाई गई है, जिसे दुरुस्त करने कहा गया है. दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.