युक्तियुक्तकरण में अनियमितता का आरोप : अवकाश के दिन उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई, शिक्षकों की याचिकाएं निराकृत, एक मामले में 10 दिन के लिए स्थगन आदेश जारी

बिलासपुर। प्रदेशभर के जिलों में युक्तियुक्तकरण को लेकर बवाल जारी है. युक्तियुक्तकरण को लेकर शिक्षकों की याचिका पर आज अवकाश के दिन भी हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं ने वर्तमान में जारी गाइडलाइन को चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि बिना दावा आपत्ति के काउंसलिंग कराई गई है. यह मामला HC जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा के वेकेशन कोर्ट में लगा था. सरकार की ओर से पेश तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने सारी याचिकाओं को निराकृत किया. वहीं एक मामले में 10 दिन के लिए स्टे दिया है.
शिक्षकों ने युक्तियुक्तकरण को लेकर हर जिले में अनियमितता और अतिशेष सूची में मनमानी करने का आरोप लगाया जा रहा है. शिक्षकों का यह भी कहना है कि राज्य शासन ने इसके लिए नियम बनाए हैं, जिसका अधिकारीयों ने पालन नहीं किया है. यहां तक की शिक्षकों से दावा आपत्ति तक नहीं ली गई है. इसे लेकर अब प्रदेश के अलग-अलग जिलों के शिक्षकों ने हाईकोर्ट में अलग अलग याचिका दायर की थी. इसमें दुर्ग, महासमुंद, रायपुर के साथ ही बिलासपुर के टीचर शामिल हैं. शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी मिलकर नियमों को दरकिनार कर शिक्षकों को अतिशेष बताकर युक्तियुक्तकरण कर शिक्षकों को दूरस्थ स्कूलों में पदस्थ करने का आदेश जारी किया है.
हाईकोर्ट ने 10 दिन के लिए दिया स्टे
महासमुंद जिले के गवर्नमेंट अभ्यास प्राइमरी स्कूल में पदस्थ कल्याणी थेकर ने वकील अवध त्रिपाठी के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने बताया कि स्कूल में 91 स्टूडेंट्स हैं. इसके मुताबिक शासन के निर्देश पर एक हेडमास्टर चार टीचर होना चाहिए, लेकिन अफसरों ने दर्ज संख्या कम यानि 88 स्टूडेंट्स बता दिया. इसके आधार पर उन्हें अतिशेष बता दिया, जिसके कारण उनका नाम युक्तियुक्तकरण की सूची में डाल दिया गया और उनकी पदस्थापना दूर के स्कूल में कर दी.
इस मामले की सुनवाई के दौरान शासन की तरफ से स्वीकार किया गया कि स्कूल की दर्ज संख्या में त्रुटि हो गई है, जिसके कारण ऐसा हुआ है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य शासन द्वारा बिना दावा-आपत्ति लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू करना असंवैधानिक है. हाईकोर्ट ने इस केस में 10 दिन के लिए स्थगन आदेश जारी किया है.