Special Story

चार लाख से अधिक दीदियों को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य-केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान

चार लाख से अधिक दीदियों को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य-केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान

ShivMay 13, 20253 min read

रायपुर।   अम्बिकापुर में ‘‘मोर आवास मोर अधिकार’’ कार्यक्रम के अवसर…

पीएम आवास योजना की धीमी प्रगति पर कलेक्टर सख्त, 22 कर्मचारियों को थमाया शो-कॉज नोटिस

पीएम आवास योजना की धीमी प्रगति पर कलेक्टर सख्त, 22 कर्मचारियों को थमाया शो-कॉज नोटिस

ShivMay 13, 20253 min read

गरियाबंद। कलेक्टर बी.एस. उइके ने आज भी प्रधानमंत्री आवास योजना…

5 महिला समेत 14 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 16 लाख का इनाम था घोषित

5 महिला समेत 14 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 16 लाख का इनाम था घोषित

ShivMay 13, 20251 min read

सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सल उन्मूलन…

May 13, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

शराबी, गैरजिम्मेदार और अय्याश पति… हाईकोर्ट ने कहा- यह मानसिक क्रूरता, विवाह भंग करते हुए पत्नी को तलाक की दी मंजूरी

बिलासपुर। शादी का रिश्ता प्यार और जिम्मेदारी पर टिका होता है, लेकिन जब पति सिर्फ शराब, मारपीट और अय्याशी में डूबा हो, तो पत्नी के लिए ऐसे रिश्ते में रहना दुस्वार हो जाता है और उसके लिए कुछ नहीं बचता. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक ऐसे ही मामले में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अत्यधिक शराब पीने की आदत, बेरोजगारी और परिवार के प्रति गैरजिम्मेदार व अय्याश होने को पत्नी व परिवार के प्रति मानसिक और शारिरिक क्रूरता माना है. इसके साथ हाईकोर्ट ने विवाह भंग करते हुए तलाक की याचिका को मंजूर कर लिया है.

जांजगीर-चांपा जिले के रहने वाले याचिकाकर्ता की 7 जून 1991 को शादी हुई थी. वह शादी के समय याचिकाकर्ता पढ़ाई कर रही थी और आगे भी पढ़ाई जारी रखना चाहती थी. पति और उसके परिवार के लोग विरोध कर गाली गलौज करते रहें. शादी के बाद तीन संतान का जन्म हुआ. शादी के 29 वर्ष तक पत्नी परिवार को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास की. इसके बाद भी सुधार नहीं होने पर पत्नी बच्चों को लेकर पति से अलग रहने लगी एवं जांजगीर परिवार न्यायालय में तालाक के लिए आवेदन दिया. परिवार न्यायालय से आवेदन खारिज होने पर पत्नी ने हाईकोर्ट में अपील पेश की. अपील में कहा गया कि पति कोई काम नहीं करता एवं अत्यधिक शराब पीने की आदत है. इसके अलावा गांव की अन्य महिलाओं के साथ अवैध संबंध रखता है. शराब के नशे में घर में मारपीट, गाली गलौज करता है. जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस एन के व्यास की डीबी में अपील पर सुनवाई हुई.

प्रतिवादी पति की ओर से पत्नी द्वारा लगाए गए आरोप का खंडन नहीं किया गया. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर पति अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर अत्यधिक शराब पीने की आदत में शामिल हो जाता है, जिससे पारिवारिक स्थिति खराब होती है. यह स्वाभाविक रूप से एक कारण होगा पत्नी के प्रति मानसिक क्रूरता है. गैरजिम्मेदार और अय्याश पति के आचरण से पूरे परिवार को सामाजिक बदनामी का सामना करना पड़ रहा है. परिवार न्यायालय ने इस सब पर विचार नहीं किया.

पति का आचरण पत्नी व परिवार के प्रति मानसिक, शारीरिक क्रूरता है. हाईकोर्ट ने कहा पत्नी तलाक पाने हकदार है . इसके साथ हाईकोर्ट ने परिवार न्यायालय के आदेश को निरस्त करते हुए दोनों पक्षों के बीच 7.6.1991 को हुए विवाह को भंग किया है.