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छत्तीसगढ़ में ओड़िशा के फार्मासिस्ट की हत्या, एक नाबालिग समेत चार आरोपी गिरफ्तार…

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ShivMay 13, 20252 min read

नुआपड़ा/रायपुर।  पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में एक ओड़िया फार्मासिस्ट की नृशंस…

तलाक के बाद भी एक ही घर में रहेंगे पति-पत्नी, हाईकोर्ट ने 6 बिंदुओं पर दी सहमति

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ShivMay 13, 20252 min read

बिलासपुर।   छत्तीसगढ़ में हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. आपसी…

May 13, 2025

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शराबी, गैरजिम्मेदार और अय्याश पति… हाईकोर्ट ने कहा- यह मानसिक क्रूरता, विवाह भंग करते हुए पत्नी को तलाक की दी मंजूरी

बिलासपुर। शादी का रिश्ता प्यार और जिम्मेदारी पर टिका होता है, लेकिन जब पति सिर्फ शराब, मारपीट और अय्याशी में डूबा हो, तो पत्नी के लिए ऐसे रिश्ते में रहना दुस्वार हो जाता है और उसके लिए कुछ नहीं बचता. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक ऐसे ही मामले में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अत्यधिक शराब पीने की आदत, बेरोजगारी और परिवार के प्रति गैरजिम्मेदार व अय्याश होने को पत्नी व परिवार के प्रति मानसिक और शारिरिक क्रूरता माना है. इसके साथ हाईकोर्ट ने विवाह भंग करते हुए तलाक की याचिका को मंजूर कर लिया है.

जांजगीर-चांपा जिले के रहने वाले याचिकाकर्ता की 7 जून 1991 को शादी हुई थी. वह शादी के समय याचिकाकर्ता पढ़ाई कर रही थी और आगे भी पढ़ाई जारी रखना चाहती थी. पति और उसके परिवार के लोग विरोध कर गाली गलौज करते रहें. शादी के बाद तीन संतान का जन्म हुआ. शादी के 29 वर्ष तक पत्नी परिवार को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास की. इसके बाद भी सुधार नहीं होने पर पत्नी बच्चों को लेकर पति से अलग रहने लगी एवं जांजगीर परिवार न्यायालय में तालाक के लिए आवेदन दिया. परिवार न्यायालय से आवेदन खारिज होने पर पत्नी ने हाईकोर्ट में अपील पेश की. अपील में कहा गया कि पति कोई काम नहीं करता एवं अत्यधिक शराब पीने की आदत है. इसके अलावा गांव की अन्य महिलाओं के साथ अवैध संबंध रखता है. शराब के नशे में घर में मारपीट, गाली गलौज करता है. जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस एन के व्यास की डीबी में अपील पर सुनवाई हुई.

प्रतिवादी पति की ओर से पत्नी द्वारा लगाए गए आरोप का खंडन नहीं किया गया. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर पति अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर अत्यधिक शराब पीने की आदत में शामिल हो जाता है, जिससे पारिवारिक स्थिति खराब होती है. यह स्वाभाविक रूप से एक कारण होगा पत्नी के प्रति मानसिक क्रूरता है. गैरजिम्मेदार और अय्याश पति के आचरण से पूरे परिवार को सामाजिक बदनामी का सामना करना पड़ रहा है. परिवार न्यायालय ने इस सब पर विचार नहीं किया.

पति का आचरण पत्नी व परिवार के प्रति मानसिक, शारीरिक क्रूरता है. हाईकोर्ट ने कहा पत्नी तलाक पाने हकदार है . इसके साथ हाईकोर्ट ने परिवार न्यायालय के आदेश को निरस्त करते हुए दोनों पक्षों के बीच 7.6.1991 को हुए विवाह को भंग किया है.