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कृषि वैज्ञानिकों का आंदोलन कल, भेदभाव और अधिकारों की अनदेखी के खिलाफ रैली निकालकर करेंगे प्रदर्शन

रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGKV) के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) में कार्यरत वैज्ञानिक और तकनीकी कर्मचारी कल से आक्रोश व्यक्त करते हुए रैली निकालकर प्रदर्शन करेंगे। छत्तीसगढ़ तकनीकी कर्मचारी संघ ने लंबे समय से लगातार आवेदन व ज्ञापन सौंपने के बावजूद समस्याओं की अनदेखी और भेदभावपूर्ण व्यवहार से नाराज होकर आंदोलन का रास्ता चुना है।

संघ का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन KVKs में कार्यरत कर्मचारियों के साथ संस्थागत भेदभाव कर रहा है, उनकी सेवा शर्तों का उल्लंघन हो रहा है और उन्हें उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।

ये हैं प्रमुख मुद्दे –

पेंशन एवं सामाजिक सुरक्षा से वंचित करना: KVK कर्मचारियों को NPS/OPS जैसे मूलभूत लाभों से अनुचित तरीके से वंचित किया गया है।

मेडिकल एवं अन्य भत्तों की समाप्ति: बिना किसी सूचना के मेडिकल भत्ते रोक दिए गए, जिससे दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

कैरियर उन्नयन योजना (CAS) का उल्लंघन: योग्य कर्मचारियों को पदोन्नति और वेतन वृद्धि से अनुचित रूप से रोका गया है।

सेवा-निवृत्ति आयु में भेदभाव: विश्वविद्यालय के नियमों के विपरीत KVK कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु में ही सेवानिवृत्त किया जा रहा है, जबकि अन्य कर्मचारियों के लिए यह सीमा 62/65 वर्ष है।

सेवानिवृत्ति उपरांत लाभों की अनदेखी: पेंशन, ग्रेच्युटी और चिकित्सा सुविधाएं जैसे अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं।

विशुद्ध अस्थायी नियुक्तियों का विरोध: विश्वविद्यालय द्वारा KVKs में विशुद्ध अस्थायी नियुक्तियां की जा रही हैं, जो IGKV अधिनियम, 1987 और ICAR के समझौते का उल्लंघन है।

कर्मचारी संघ की मांगें –

KVK कर्मचारियों को विश्वविद्यालय के समकक्ष पदों के समान सेवा लाभ प्रदान किए जाएं।

NPS/OPS, मेडिकल भत्ते और CAS योजना को तुरंत बहाल किया जाए।

सेवा-निवृत्ति आयु को 62/65 वर्ष किया जाए।

सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन, ग्रेच्युटी और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएं।

विवादित अस्थायी नियुक्तियों के विज्ञापन को तुरंत रद्द किया जाए।

ये दी गई थी चेतावनी –

संघ ने चेतावनी दी थी कि यदि 15 दिनों के भीतर इन मुद्दों का समाधान नहीं किया गया, तो तकनीकी कर्मचारी संघ संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) व (b) के तहत राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगा। यह आंदोलन विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, अनुसंधान और प्रसार गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है। संघ ने स्पष्ट किया है कि ऐसी स्थिति के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्क्रियता और भेदभावपूर्ण नीतियां जिम्मेदार होंगी।