Special Story

भारत का खोया हुआ भाई लगता है जापान : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 30, 20256 min read

भोपाल।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि…

औद्योगिक विकास के लिये हरसंभव सहायता देने सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 30, 20253 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश…

महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं के लिये करें समुचित प्रबन्ध : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं के लिये करें समुचित प्रबन्ध : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivJan 30, 20251 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रयागराज में हुई भगदड़…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान के इंडिया क्लब में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दीं

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान के इंडिया क्लब में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दीं

ShivJan 30, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की…

January 30, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

वन विभाग की चाकरी करने के बाद अब मजदूरी के लिए कार्यालयों का लगा रहे चक्कर, मजदूरों ने कहा- हम नहीं मांग रहे भीख…

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। मरवाही वनमण्डल में पेड़ों की कटाई, अवैध उत्खनन, वन्य जीव पलायन के मामलों के बाद अब वन विभाग पर मजदूरी भुगतान में उदासीनता का आरोप लग रहा है. मजदूरी करने के बाद मजदूरी के लिए कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर मजदूरों का कहना है कि हम मजदूरी मांग रहे भीख नहीं.

लंबित मजदूरी के लिए बड़ी संख्या में वनमंडल कार्यालय पेंड्रारोड पहुंचे मजदूरों ने बताया तकरीबन 80 मजदूरों को अब तक मजदूरी नहीं मिली है. कुछ लोगों को मजदूरी देकर विभाग ने औपचारिकता तो निभा ली, लेकिन बाकी मजदूरों को मजदूरी देने के नाम पर बार-बार कार्यालय का चक्कर लगवाया जा रहा है, लेकिन मजदूरी नहीं दी जा रही है. उनका कहना है कि हम रोज कमाने-खाने वाले लोग हैं, रोज-रोज के चक्कर लगाना हमारे लिए संभव नहीं है.

जानकारी के लिए बता दें कि वनमंडल के खोडरी रेंज में साल भर पहले हुए कूप कटिंग में ग्रामीणों ने मजदूरी की थी, और लगभग चार महीने चले इस काम में काम करने के बाद अब उस काम के मजदूरी भुगतान के लिए मजदूर लगभग सालभर से कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं, कभी रेंज ऑफिस, तो कभी डीएफओ ऑफिस. मजदूरों का आरोप है कि अधिकारी बस उन्हें इस ऑफिस से उस ऑफिस भेज रहे, हम मजदूरी से जीवन यापन करने वाले लोग कब तक अपने ही पैसों के लिए ऐसे कार्यालयों के चक्कर लाएंगे….