Special Story

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

ShivApr 18, 20252 min read

रायपुर।    छत्तीसगढ़ राज्य में अब गैर संचारी रोग (नॉन-कम्युनिकेबल…

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

ShivApr 18, 20251 min read

रायपुर। हेरोइन चिट्टा की तस्करी के मामले में गिरफ्तार अंतर्राज्यीय…

April 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

पुस्तक घोटाला के बाद पाठ्यपुस्तक निगम ने लिया सबक, अब खरीदने और बेचने वाले पर होगी कार्रवाई, QR कोड के माध्यम से मिल सकेगी पूरी जानकारी

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में पुस्तक घोटाला के बाद पाठ्यपुस्तक निगम ने बड़ा कदम उठाया है. गड़बड़ी को रोकने के लिए पाठ्यपुस्त निगम आगामी सत्र से कई बदलाव करने जा रहा है. इस बदलाव के लिए फैसले लिए गए हैं, जिसके अनुसार काम भी जारी है. पहले पुस्तकों को आसानी से बेचा जा सकता था, अब पुस्तकों को बेचते ही सरकारी संपत्ति को बेचने वाला और खरीदने वाला दोनों दोषी होंगे. पुस्तकों में लगे QR कोड से ये भी पता चल जाएगा कि इस पुस्तक को कहां के लिए भेजा गया था.

छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के जनरल मैनेजर डीकेश पटेल ने बताया कि पुस्तक घोटाला, खरीदी बिक्री को रोकने के लिए नियमों में कई बदलाव किए गए हैं. कहां के लिए पुस्तक भेजा गया था, नम्बर क्या है, किस स्कूल का मामला है, इसकी जानकारी पुस्तकों में लगे QR कोड को स्कैन करते ही पता चल जाएगा. साथ ही पुस्तक में सरकारी संपत्ति होने का विवरण भी होगा.

छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा छापे गए सभी पुस्तकों में अब लिखा होगा कि यह सरकारी संपत्ति है, इस पुस्तक को न ख़रीदा जा सकता है और न ही बेचा जा सकता है. पहले पुस्तकों को कबाड़ वाले आसानी से खरीद लेते थे, अब यह लिखे जाने के बाद बेचने वाला भी दोषी होगा और खरीदने वाला भी दोषी होगा.

स्कैन करने से निकलेगा डिटेल

पहले पाठ्यपुस्तक में जो QR कोड था उसे स्कैन करने पर पाठ्यपुस्तक की जानकारी डिजिटल तौर पर मिलता था, लेकिन अब स्कैन करने पर पुस्तक का डिटेल निकलेगा कि पुस्तक किस संभाग के लिए भेजा गया है, किस संकुल के लिए है, इसका नंबर क्या है, इससे आसानी से पुस्तकों को ट्रैक किया जा सकता है.

आगामी सत्र के पुस्तकों में होगा डिटेल

पुस्तकें सरकारी संपत्ति है और QR कोड के स्कैन की व्यवस्था आगामी सत्र के वितरित होने वाले पुस्तकों में अंकित होगा. इसके लिए पाठ्यपुस्तक निगम ने रणनीति बनाकर काम शुरू कर दिया है. पुस्तकों में प्रिंटिंग जारी है.

कक्षा पहली से 10 वीं तक निशुल्क पुस्तक

लोकतंत्र में शिक्षा सभी का अधिकार है. कोई बच्चा पढ़ाई से वंचित न हो, गरीब बच्चों को पुस्तक ख़रीदने में कठिनाई होती है. अधिकतर पुस्तक ख़रीदने की स्थिति में नहीं होते, इसलिए सभी सरकार ने कक्षा पहली से दसवीं तक के विद्यार्थियों तक निशुल्क पुस्तकें पहुंचाने की व्यवस्था की है. प्रदेश में लगभग प्राइवेट और सरकारी स्कूल को मिलाकर लगभग 55,000 से ज़्यादा स्कूल हैं. इन स्कूलों में लगभग 56 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिसमें से कक्षा एक से दसवीं तक के विद्यार्थियों को नि शुल्क पुस्तक दी जाती है.

तत्कालीन सत्र में बेचे गए थे लाखों पुस्तक

गरीब बच्चों के भविष्य को गढ़ने वाले पुस्तकों को महज कागज का टुकड़ा समझकर कबाड़ियों को लाखों पुस्तकों को बेच दिया गया था. इस मामले को लेकर जमकर हंगामा हुआ था. मुख्यमंत्री के निर्देश पर कई अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित किया गया था. मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई थी. फ़िलहाल कमेटी की जांच रिपोर्ट पर दोषी लोगों को नोटिस जारी किया गया है.