Special Story

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पहुंचे टीएस सिंहदेव समेत कई बड़े कांग्रेस नेता

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पहुंचे टीएस सिंहदेव समेत कई बड़े कांग्रेस नेता

ShivMar 10, 20251 min read

रायपुर।   पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज प्रवर्तन…

विधानसभा में बवाल : निलंबन के बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक

विधानसभा में बवाल : निलंबन के बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक

ShivMar 10, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन की…

March 10, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

मस्जिदों से तक़रीर का मामला गरमाने के बाद वक्फ बोर्ड ने दिया स्पष्टीकरण, कहा- इमाम धार्मिक तकरीर के लिए है स्वतंत्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ में जुमे की नमाज के दौरान तकरीर के विषयों के लिए इजाजत लेने के मामले के तूल पकड़ने के बाद, वक्फ बोर्ड ने स्पष्टीकरण जारी किया है। बोर्ड ने इस संबंध में सोमवार को छत्तीसगढ़ के सभी जिलों की मस्जिदों के मुतवल्लियों (सदर) के नाम एक पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया है कि मस्जिदों के मुतवल्ली और कमेटी के पदाधिकारीयों को सूचित किया जाता है कि मस्जिद में जुमा की नमाज के पूर्व ईमाम साहब के द्वारा जो धार्मिक बयान/ तकरीर किया जाता है, उसके लिए वह स्वतंत्र है।

बोर्ड ने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि जुमा की नमाज के पूर्व यदि मस्जिद में धार्मिक बयान/तकरीर के अतिरिक्त कोई अन्य विषय पर जमात के समक्ष अपनी बात रखनी है तो इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा पूर्व में मुतवल्लियों (सदर) के लिए बनाये गये व्हॉट्सअप ग्रुप या फिर पत्राचार के माध्यम से वक्फ बोर्ड से अनुमति लिया जाना जरुरी होगा।

मस्जिदों के इमामों के नाम वक़्फ़ बोर्ड का पत्र –

ओवैसी ने साधा था निशाना

गौरतलब है कि एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज के कथित बयान के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक अकॉउंट पर एक पोस्ट जारी कर इसे संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन बताते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने इस पोस्ट में लिखा- “छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार का वक़्फ़ बोर्ड चाहता है के जुमा का खुतबा देने से पहले खतीब अपने खुतबे की जांच वक़्फ़ बोर्ड से करवायें और बोर्ड की इजाज़त के बिना खुतबा ना दें। अब भाजपाई हमें बतायेंगे के दीन क्या है? अब अपने दीन पर चलने के लिए इनसे इजाज़त लेनी होगी? वक़्फ़ बोर्ड के पास ऐसी कोई क़ानूनी ताक़त नहीं, अगर होती भी तो भी वो संविधान के दफा 25 के ख़िलाफ़ होती।