Special Story

मध्यप्रदेश में निवेश का यही समय है और सही समय : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

मध्यप्रदेश में निवेश का यही समय है और सही समय : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

ShivFeb 24, 202512 min read

भोपाल।    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित मध्यप्रदेश से विकसित…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों से की वन-टू-वन चर्चा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों से की वन-टू-वन चर्चा

ShivFeb 24, 20252 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले…

शराब घोटाला: ED की विशेष कोर्ट ने डिस्टलरी को आरोपी बनाने ढेबर की याचिका की स्वीकार, 8 कंपनियों को बनाया आरोपी

शराब घोटाला: ED की विशेष कोर्ट ने डिस्टलरी को आरोपी बनाने ढेबर की याचिका की स्वीकार, 8 कंपनियों को बनाया आरोपी

ShivFeb 24, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में डिस्टलरी (शराब निर्माताओं)…

दर्दनाक हादसा : बाइक सवारों को कार ने मारी टक्कर, फिर हाइवा की चपेट में आने से एक युवक की मौत, दूसरा घायल

दर्दनाक हादसा : बाइक सवारों को कार ने मारी टक्कर, फिर हाइवा की चपेट में आने से एक युवक की मौत, दूसरा घायल

ShivFeb 24, 20251 min read

जांजगीर-चाम्पा।  छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा में दर्दनाक हादसे में दो युवकों…

सीजीएसटी में रिश्वतखोरी मामला : अधीक्षक और ड्राइवर की 28 फरवरी तक बढ़ी रिमांड, CBI नए आरोपियों की कर रही तलाश

सीजीएसटी में रिश्वतखोरी मामला : अधीक्षक और ड्राइवर की 28 फरवरी तक बढ़ी रिमांड, CBI नए आरोपियों की कर रही तलाश

ShivFeb 24, 20252 min read

रायपुर। सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी) अधीक्षक भरत सिंह और ड्राइवर विनय राय…

February 24, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

अदाणी नेचुरल रिसोर्सेज ने शुरू किया डिजिटल तकनीक से ओपनकास्ट माइनिंग, पीईकेबी खदान में हुआ डोजर पुश माइनिंग का सफल परीक्षण

अम्बिकापुर।   राष्ट्रीय वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) एवं केंद्रीय खनन व ईंधन अनुसंधान संस्थान (सीआईएमएफआर) के मार्गदर्शन में भारतीय खनन उद्योग में एक अभूतपूर्व विकास हुआ है. भारत में पहली बार डिजिटल तकनीक पर आधारित डोजर पुश माइनिंग तकनीक का परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया है. 

खनन क्षेत्र में भारत की अग्रणी निजी कंपनी अदाणी नेचुरल रिसोर्सेज ने छत्तीसगढ़ में अंबिकापुर के उदयपुर विकासखण्ड में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी) खदान में इस तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण बीते सप्ताह किया. यह परीक्षण खनन तकनीक में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसमें कोयला निष्कर्षण प्रक्रिया के लिए मानवरहित मशीनों का उपयोग किया गया है. डिजिटल स्वायत्त खनन की दिशा में यह तकनीक बहेतर उत्पादन और सलामती के लिए मील का पत्थर साबित होगी. 

क्या है डोजर पुश की विशेष तकनीक

डोजर पुश माइनिंग परीक्षण में एक स्वचालित, (मानवरहित) ड्रिल मशीन द्वारा ड्रिल करके कास्ट ब्लास्टिंग किया जाता है. ब्लास्टिंग के बाद, ब्लास्ट की गई सामग्री को इस प्रक्रिया के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई एक स्वचालित, बड़े आकार की डोजर मशीन का उपयोग करके उसे डीकोल किए गए क्षेत्र में स्थापित करते हैं. डोजर पुश माइनिंग विधि को पारंपरिक ट्रक-शॉवल खनन द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों के संभावित समाधान के रूप में देखा जा रहा है, खासकर बरसात के मौसम में जब ढुलाई वाली सड़कें कीचड़ से भर जाती हैं, जिससे सुरक्षा और उत्पादकता प्रभावित होती है. ट्रकों और उत्खनक मशीन पर निर्भरता को कम करके, यह विधि उत्खनन कार्यों को अनुकूलित कर सकती है और इकाई की लागत को कम कर सकती है, जिससे खनन के लिए अधिक टिकाऊ और कुशल दृष्टिकोण प्रदान किया जा सकता है. यही नहीं चूंकि इस तकनीक में ट्रकों का उपयोग नहीं होता है अतः सुरक्षा की दृष्टि से भी यह डोजर पुश तकनीक पाँच सितारा पीईकेबी खदान को सुरक्षा के मापदंडों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित करती है.

भारत में पहली बार अदाणी नेचुरल रिसोर्सेज द्वारा कोयला खनन में उपयोग में ली जा रही इस डोजर पुश तकनीक के परीक्षण की सफलता को सीएसआईआर और सीआईएमएफआर के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एम पी रॉय ने भी सराहना की और कहा कि, “यह नई तकनीक भारत में ओपनकास्ट खनन कार्यों में क्रांति ला सकती है. डोजर पुश माइनिंग विधि पारंपरिक ड्रैगलाइन और ट्रक/शॉवल उत्खनन का एक आधुनिक विकल्प है. यह न केवल खनन प्रक्रिया की गति और दक्षता को बढ़ाता है बल्कि परिचालन लागत को भी कम करता है.”

परीक्षण का नेतृत्व सीएसआईआर-सीआईएमएफआर के निदेशक प्रोफेसर अरविंद कुमार मिश्रा ने किया, जिसमें डॉ. एम पी रॉय, डॉ. विवेक कुमार हिमांशु, आर एस यादव, सूरज कुमार और डॉ. आशीष कुमार विश्वकर्मा का योगदान रहा, जिन्होंने पीईकेबी खदान में डोजर पुश माइनिंग तकनीक के प्रथम विस्फोट के सफल निष्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह महत्वपूर्ण उपलब्धि भारत को अत्याधुनिक खनन प्रौद्योगिकियों को अपनाने में अग्रणी स्थान पर रखती है, जिसका इस क्षेत्र के भविष्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा.