बिना अनुमति स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षकों और चपरासियों पर हुई कार्रवाई, DEO ने किया बर्खास्त
बलौदाबाजार। जिले में प्रसासनिक कसावट के लिए कलेक्टर दीपक सोनी ने अब कड़ा रुख अपना लिया है. उन्होंने लंबे समय से कार्य में अनुपस्थित और लापरवाह कर्मचारियों को पद से बर्खास्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. कलेक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारतीय ने लंबे समय से अनुपस्थित 4 शिक्षक और 2 भृत्यों को बर्खास्त करने की पहली कार्रवाई की है.
DEO हिमांशु भारतीय ने बताया कि ये लगभग चार वर्षों से लगातार अनुपस्थित थे और इन्हें नोटिस भी दिया गया था. लेकिन इनकी तरफ से न ही कोई जवाब आया और न ही वे उपस्थित हुए. इन सभी पर जांच कार्रवाई के बाद कलेक्टर के अनुमति से सभी चारों शिक्षक-शिक्षिकाओं समेत 2 भृत्यों को बर्खास्त किया गया है. वहीं जिले में 23 लोगों पर जांच जारी है. इसमें से 10 शिक्षा विभाग से हैं, जिनपर कभी भी बर्खास्तगी कार्रवाई की जा सकती है.
शासकीय सेवा से बर्खास्त शिक्षक और भृत्य के नाम
– विकासखण्ड बलौदाबाजार के शासकीय प्राथमिक शाला पिपराही में पदस्थ सहायक शिक्षक ललिता रूपदास,
– शास.प्राथ. शाला पौसरी के सहायक शिक्षक ज्योत्सना सागरकर,
– शास.प्राथ.शाला खैरघटा के सहायक शिक्षक गीतांजली वर्मा,
– विकासखण्ड सिमगा के शास. प्राथ.शाला करहुल सहायक शिक्षक एल.बी गुपेन्द्र कुमार यादव
– शास.पूर्व माध्य.शाला डोटोपार भृत्यपवन कुमार ध्रुव,
– विकासखण्ड भाटापारा के शास. उच्च माध्य.विद्यालय करही बाजार के भृत्य मदन लाल टंडन शामिल है.
जांच में पाई गई अनुशासनहीनता और लापरवाही
इस सभी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कार्य से पृथक कर दिया गया है. इन्होंने मूलभूत नियम 18 और छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के 3 नियमों समेत अवकाश नियम 7 के नियमों के का पालन ना करते हुए शासकीय कार्य में लापरवाही बरती है. लगातार मिल रही शिकायत के बाद जांच कार्रवाई में यह सभी नियमों के विरुद्ध अवकाश लेना और अनुशासनहीनता पाई गई, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त किया गया है.