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छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

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अवैध शराब कारोबार पर कार्रवाई : नकली स्टीकर, होलोग्राम और ढक्कन की सप्लाई करने वाला गिरफ्तार, कुछ बड़े नाम अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर

डोंगरगढ़।   धर्म नगरी डोंगरगढ़ के करवारी फार्म हाउस में मिली लाखों रुपये की अवैध शराब मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी है। धीरे-धीरे आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है, जिससे पूरे मामले की गंभीरता और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। इस कांड में नकली स्टीकर, होलोग्राम और ढक्कन की सप्लाई करने वाला आरोपी चंदन ममतानी को पुलिस ने नागपुर से गिरफ्तार किया है। उसके पास से नकली स्टीकर, होलोग्राम के सैंपल और 7 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

इससे पहले पुलिस ने मनोज तिड़के नाम के आरोपी को पकड़ा था, जो फार्म हाउस के मालिक रोहित नेताम उर्फ सोनू को ये सामग्री सप्लाई करता था। मनोज ने पूछताछ में चंदन ममतानी का नाम लिया, जिसके बाद पुलिस ने नागपुर जाकर उसे हिरासत में लिया।

13 आरोपियों की हो चुकी गिरफ्तारी, नोट गिनने की मशीन भी जब्त

अब तक इस मामले में 13 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें से 11 जेल में हैं। फार्म हाउस के मालिक रोहित नेताम और उसका साथी नंदकिशोर वर्मा को रिमांड में लेकर पूछताछ की जा रही है। रोहित के घर से नोट गिनने की मशीन भी जब्त की गई है, जिससे इस अवैध कारोबार में बड़े पैमाने पर पैसों की हेराफेरी होने की आशंका है। मामले में एक और आरोपी दशरथ मीणा, जो मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ में शराब की सप्लाई करता था, को राजनांदगांव पुलिस की मदद से जगदलपुर से गिरफ्तार किया गया है। उसे प्रोटेक्शन वारंट पर डोंगरगढ़ लाकर पूछताछ की जाएगी।

बड़ा सवाल- इतनी आसानी से कैसे चल रहा था शराब का अवैध कारोबार

इस पूरे मामले में जो सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है वह यह है कि 432 पेटी अवैध शराब और नकली पैकिंग सामग्री का कारोबार डोंगरगढ़ जैसे कस्बे में इतनी आसानी से और बिना किसी डर के कैसे चल रहा था? जानकारों का कहना है कि इतनी बड़ी तस्करी और फर्जीवाड़ा बिना किसी रसूखदार और जिम्मेदार अधिकारियों की शह के संभव नहीं है।

कुछ बड़े नाम अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर

स्थानीय लोगों का मानना है कि पुलिस की धीमी कार्रवाई और टुकड़ों-टुकड़ों में हो रही गिरफ्तारी से यह शक और गहराता जा रहा है कि कहीं कुछ “बड़े नाम” अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर तो नहीं हैं। फिलहाल पुलिस पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश में है कि नकली स्टीकर, ढक्कन और शराब कहां-कहां से मंगाई जा रही थी और इसके पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं।