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शराब घोटाला मामले में 39 ठिकानों पर ACB-EOW का छापा : पूर्व आबकारी मंत्री लखमा के करीबियों के यहां कार्रवाई जारी, कई अहम दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण समेत सोने-चांदी के जेवर और 90 लाख नगद बरामद

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला मामले में लगातार ACB-EOW की कार्रवाई जारी है. आज फिर एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबियों के ठिकानों पर छापा मारा. कुल 39 ठिकानों पर कार्रवाई जारी है. छापेमारी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डेटा, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सोने-चांदी के जेवरात और 90 लाख रुपए नगद बरामद किया गया है.

बता दें कि शराब घोटाले के मुख्य आरोपियों के काले धन की राशि को अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा व्यवसाय और संपत्तियों में बड़े पैमाने पर निवेश की जानकारी ACB-EOW को मिली थी. ईओडब्ल्यू ने आज दुर्ग, भिलाई, धमतरी और महासमुंद जिले के 39 ठिकानों पर एक साथ छापेमार कार्रवाई की.

ईओडब्ल्यू की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, इस व्यापक अभियान के दौरान संदेहियों के निवास, व्यावसायिक परिसरों एवं अन्य संबंधित स्थलों पर की गई तलाशी में शराब घोटाले से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डेटा, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सोना-चांदी, अचल संपत्तियों में निवेश से जुड़े अभिलेखों सहित 90 लाख से अधिक नगद राशि बरामद की गई है. जब्त सामग्री का विश्लेषण किया जा रहा है एवं प्रकरण में अग्रिम वैधानिक कार्रवाई जारी है.

दुर्ग में कई उद्योगपतियों के ठिकानों पर चल रही जांच

टीम ने दुर्ग में आम्रपाली सोसाइटी स्थित अशोक अग्रवाल और उनके भाई विनय अग्रवाल के निवास में कार्रवाई चल रही है. इसके साथ ही दुर्ग जिले के दो अन्य करीबियों के निवास पर भी कार्रवाई जारी है. एसीबी-ईओडब्लयू की छापेमार कार्रवाई में उद्योगपतियों और नामी हॉस्पिटल के डायरेक्टर भी शामिल हैं. नेहरू नगर स्थित स्पर्श हॉस्पिटल के डायरेक्टर संजय गोयल के निवास, उद्योगपति बंसी अग्रवाल और विशाल केजरीवाल, शनिचरी बाजार में बिल्डर्स विश्वजीत गुप्ता के निवास पर भी जांच जारी है. इसके अलावा महसमुंद के सांकरा में कैलाश अग्रवाल और बसना में जय भगवान अग्रवाल के ठिकानों पर कार्रवाई जारी है.

क्या है शराब घोटाला?

तत्कालीन भूपेश सरकार में पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और CM सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई 2022 को याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है, जिसमें रायपुर महापौर रहे एजाज ढेबर का भाई अनवर ढेबर अवैध वसूली करता है. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर ED ने 18 नवंबर, 2022 को पीएमएलए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. आयकर विभाग से मिले दस्तावेज के आधार पर ED ने जांच के बाद 2161 करोड़ के घोटाले की बात का कोर्ट में पेश चार्जशीट में जिक्र किया था.

ED ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि किस तरह अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के ज़रिये आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया. ED ने चार्जशीट में कहा था कि साल 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के ज़रिये शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया, उसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनैतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के ज़रिये भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2161 करोड़ का घोटाला हुआ.

ED ने 28 दिसंबर को पूर्व मंत्री लखमा को किया था गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 28 दिसंबर को कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी के आवासों पर छापेमारी की थी. इसके बाद 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया और तब से वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं. ED ने इस मामले में उनके खिलाफ 3773 पन्नों का आरोप पत्र (चालान) दाखिल किया है, जिसमें उन्हें 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में सिंडिकेट का प्रमुख बताया गया है.

ED के चालान में इस घोटाले में अब तक 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें कवासी लखमा (पूर्व आबकारी मंत्री), अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट, और सिद्धार्थ सिंघानिया जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए एजेंसियां लगातार जांच में जुटी हुई है.