ABVP की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की तीन दिवसीय बैठक, भारत के वैश्विक संबंधों और समसामयिक विषयों पर होगा मंथन, 478 से अधिक प्रतिनिधि होंगे शामिल

रायपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक 29 से 31 मई तक राजधानी रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मंडपम सभागार में आयोजित की जाएगी. इससे पूर्व 28 मई को परिषद के विभिन्न आयामों और गतिविधियों से जुड़ी बैठकों का आयोजन होगा, जिसमें 250 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे. तीन दिवसीय इस मुख्य बैठक में देश के सभी राज्यों से 478 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होने के लिए पहुचेंगे.
इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान शिक्षा, पर्यावरण, आंतरिक सुरक्षा, भारत के वैश्विक संबंधों और समसामयिक मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श किया जाएगा. बैठक का प्रमुख उद्देश्य देशभर में विद्यार्थी परिषद की आगामी गतिविधियों की रूपरेखा तैयार करना और राष्ट्रीय छात्र-युवा नीति में ठोस एवं सार्थक हस्तक्षेप की दिशा को सुनिश्चित करना है.
सांस्कृतिक प्रदर्शनी का उद्घाटन
इस आयोजन की शुरुआत 27 मई की शाम एक भव्य प्रदर्शनी के उद्घाटन से होगी, जिसमें उपमुख्यमंत्री अरुण साव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे. यह प्रदर्शनी दस प्रमुख विषयों पर केंद्रित रहेगी, जिनमें छत्तीसगढ़ का इतिहास, कला एवं लोक संस्कृति, भारतीय गणतंत्र के 75 वर्ष, ढोकरा आर्ट, मूर्ति कला और बस्तर आर्ट आदि विषयों को चित्रित किया जाएगा.
भगवान बिरसा मुंडा शार्ध शती वर्ष
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में अभाविप उनकी जन्मस्थली उलिहातु से पीतल के पात्र में मिट्टी लेकर इस बैठक में रायपुर ला रही है. यहां से वह मिट्टी देश के सभी प्रांतों में स्मृतिस्वरूप भेजी जायेंगी.
28 मई को नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे. इस आयोजन में रायपुर के गणमान्य नागरिक भी शामिल होंगे. यह कार्यक्रम परिषद की सामाजिक सहभागिता, संवाद की परंपरा और राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ समरसता को दर्शायेगा.
तीन दिवसीय बैठक में पांच प्रस्ताव होंगे पारित
29 से 31 मई के दौरान आयोजित राष्ट्रीय बैठक में पांच प्रमुख प्रस्ताव पारित किए जाएंगे. इनमें भारतीय सेना के पराक्रम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ व ‘ऑपरेशन कगार’ के लिए अभिनंदन प्रस्ताव, कोचिंग संस्थानों में अवैध व मनमानी फीस वृद्धि पर नियंत्रण के लिए ठोस नीति निर्माण, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के रिक्त पदों की शीघ्र नियुक्ति की मांग, आंतरिक सुरक्षा पर आधारित विमर्श, और भारत के वैश्विक संबंधों पर केंद्रित प्रस्ताव सम्मिलित हैं. इसके साथ ही मार्च महीने में द्वारिका, गुजरात में संपन्न विचार बैठक में आए सुझावों पर भी व्यापक चर्चा होगी.
पर्यावरणीय उत्तरदायित्व और नवाचार
यह संपूर्ण आयोजन पर्यावरणीय अनुकूलता को ध्यान में रखकर किया जा रहा है. जिसमें सब्जियों के छिलकों से कंपोस्ट खाद तैयार की जाएगी, भोजन अपव्यय रोकने केलिए ‘जीरो फूड वेस्ट’ नीति लागू की गई है, तथा परिषद के सेवा प्रकल्प सेवार्थ विद्यार्थी के माध्यम से बचा हुआ भोजन सेवा बस्तियों में वितरित किया जाएगा. लकड़ी के बुरादों से जूठे बर्तनों को साफ़ कर जल-संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा, वहीं गोधन से बने नेमप्लेट्स का उपयोग कर प्लास्टिक मुक्त आयोजन को मूर्त रूप दिया जायेगा. इस आयोजन के माध्यम से परिषद पर्यावरण के प्रति सजग, सामाजिक दायित्वनिष्ठ और नवाचारशील विद्यार्थी संगठन के रूप में अपनी भूमिका को और भी सशक्त बना रही है.
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा, “राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की यह बैठक समकालीन भारत में युवाओं की भूमिका को और अधिक सक्रिय व सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. रायपुर की सांस्कृतिक विरासत के बीच आयोजित यह आयोजन न केवल परिषद की संगठनात्मक ऊर्जा का प्रतीक बनेगी, बल्कि शिक्षा, पर्यावरण, आंतरिक सुरक्षा एवं वैश्विक परिप्रेक्ष्य जैसे निर्णायक विषयों पर विचारशील हस्तक्षेप की पहल भी बनेगी. कोचिंग संस्थानों की मनमानी फीस वृद्धि हो या केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति-विद्यार्थियों से जुड़े हर मुद्दे पर स्पष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत करना हमारी प्राथमिकता है.