Special Story

जनजातीय संस्कृति में भगोरिया हाट का है विशेष महत्व : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

जनजातीय संस्कृति में भगोरिया हाट का है विशेष महत्व : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivMar 10, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को बड़वानी जिले…

मध्यप्रदेश में वन्य जीव पर्यटन से होगी रोजगार में वृद्धि : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मध्यप्रदेश में वन्य जीव पर्यटन से होगी रोजगार में वृद्धि : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivMar 10, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को शिवपुरी में नवनिर्मित…

कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को रायपुर से झारखंड ले गई पुलिस

कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को रायपुर से झारखंड ले गई पुलिस

ShivMar 10, 20252 min read

रायपुर। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ काम करने वाला झारखंड का…

भिलाई में ED की टीम पर हमला : भूपेश बघेल के घर से बाहर निकलते ही समर्थकों ने फेंके ईंट-पत्थर

भिलाई में ED की टीम पर हमला : भूपेश बघेल के घर से बाहर निकलते ही समर्थकों ने फेंके ईंट-पत्थर

ShivMar 10, 20251 min read

दुर्ग।   छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित…

March 10, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

धूल खाते पड़ी है डेढ़ करोड़ की मशीन, दुग्ध प्रसंस्करण प्लांट में किसी को रुचि नहीं, जनपद अध्यक्ष बोलीं-

गरियाबंद।     जनपद के चिखली रीपा में फिजूलखर्ची का बड़ा मामला सामने आया है. यहां डेढ़ करोड़ की लागत से स्थापित दुग्ध प्रसंस्करण इकाई पिछले छह महीनों से बंद पड़ी हुई है. प्रशासन ने ढाई साल पहले इस योजना की शुरुआत की थी, लेकिन इसका संचालन कौन करेगा अब तक जनपद प्रशासन तय नहीं कर पाया है. लिहाजा कथित डेढ़ करोड़ लागत से स्थापित प्लांट धूल खाते पड़ी हुई है.

जनपद अध्यक्ष ने कहा, मलाई खाने किया गया है प्लान तैयार

गरियाबंद जनपद अध्यक्ष लालिमा ठाकुर कांग्रेस सरकार के समय तैयार इस प्लान का शुरू से ही विरोध कर रही थी. पूछे जाने पर अब उन्होंने कहा है कि यह दुग्ध प्रसंस्करण के आड़ में मलाई छानने की योजना बताया. इस स्कीम के प्रोजेक्ट फाइल पर ही जनपद अध्यक्ष ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया. उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट फाइल में तबके अफसरों गाय की संख्या बढ़ा चढ़ा कर दिखाया.

दूध का उत्पादन तीन गुना बताया. रिपोर्ट में यह नहीं बताया कि उत्पादित दूध में विक्रय के लायक कितनी मात्रा है. केवल कागजी रिपोर्ट बनाया गया, महिलाओं के हाथों में काम का सब्जबाग दिखाया गया. कागजों में ही महिलाओं की आर्थिक संबलता की गाथा लिख दिया गया. इसलिए कहना पड़ रहा है कि यह योजना केवल मलाई खाने के लिए बनाई गई.

ना समूह आया न कोई संगठन ने दिखाई रुचि

प्रसंस्करण केंद्र के संचालन के लिए विभाग ने 24 अक्टूबर को निविदा जारी किया था. निविदा आज खुलनी थी, भरने की अंतिम तिथि 18 नवंबर रखा गया था. लेकिन कागजी आंकड़ों पर खड़ा इस इकाई में काम लेने किसी के रुचि नहीं दिखाई.

मामले में गरियाबंद जनपद सीईओ अमजद जाफरी ने कहा कि सारा सेटअप जिला पंचायत से तय हुआ है. संचालन के लिए निविदा जारी किया गया था, अगर कोई नहीं आया तो दोबारा निविदा कोल करेंगे.