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पेंड्रा सड़क हादसा : मृतकों के परिजनों को मिलेगा 5 लाख का मुआवजा, मुख्यमंत्री श्री साय ने की घोषणा

पेंड्रा सड़क हादसा : मृतकों के परिजनों को मिलेगा 5 लाख का मुआवजा, मुख्यमंत्री श्री साय ने की घोषणा

ShivMar 31, 20251 min read

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही।    पेंड्रा सड़क हादसे में दो लोगों की मौत…

डीजे की तेज आवाज से गिरा घर का छज्जा, 4 मासूम समेत 5 घायल…

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ShivMar 31, 20251 min read

बिलासपुर। मस्तूरी थाना क्षेत्र के मल्हार के केंवटपारा में रविवार रात…

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे दिव्यांगों को पुलिस ने उठाया, मरीन ड्राइव से तूता धरना स्थल किया शिफ्ट

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ShivMar 31, 20252 min read

रायपुर। मरीन ड्राइव पर अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन…

इंदौर, भोपाल, प्रयागराज के लिए मिलीं नई उड़ानें

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ShivMar 31, 20252 min read

रायपुर।  स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से इंदौर, भोपाल और प्रयागराज के लिए…

मुख्यमंत्री ने ईद-उल-फितर की दी मुबारकबाद

मुख्यमंत्री ने ईद-उल-फितर की दी मुबारकबाद

ShivMar 31, 20251 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ईद-उल-फितर की मुबारकबाद देते हुए…

March 31, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

भारत पर्व में दिखेगी छत्तीसगढ़ की जनजातीय परंपराओं और रामनामी समुदाय की झलक

रायपुर।     गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के लाल किले पर आयोजित होने वाले भारत पर्व 2025 में इस बार छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत और रामनामी समुदाय की झलक देखने को मिलेगी। छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम ‘स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास’ पर आधारित है। झांकी में प्रदेश की समृद्ध और विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत को दिखाया गया है।

आज राष्ट्रीय रंगशाला दिल्ली में आयोजित प्रेस प्रिव्यू में छत्तीसगढ़ की झांकी को राष्ट्रीय मीडिया की सराहना मिली। झांकी के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर में जीवन, प्रकृति और आध्यात्मिकता का गहरा संबंध है। यह झांकी छत्तीसगढ़ के लोक जीवन, रीति-रिवाजों और परंपराओं को दर्शाते हुए राज्य की अनूठी सांस्कृतिक पहचान को प्रस्तुत कर रही है।

झांकी के आगे के हिस्से में निराकार राम की उपासना करने वाले रामनामी समुदाय का प्रतिनिधित्व करती स्त्री और पुरुष को दिखाया गया है। इनके शरीर एवं कपड़ों पर ‘राम-राम’ शब्द अंकित है। इन्हें रामचरितमानस का पाठ करते हुए दिखाया गया है। इसके पास घुंघरुओं का प्रदर्शन किया गया है, जो भजन के लिए उपयोग होते हैं। बीच के हिस्से में आदिवासी संस्कृति के पहनावे, आभूषण, कलाकृतियां और कला परंपराएं दर्शाई गई हैं। इस भाग में तुरही वाद्य यंत्र और सल्फी वृक्ष को प्रमुखता से दिखाया गया है, जो बस्तर के लोकजीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। झांकी के पीछे मयूर का अंकन किया गया है, जो कि लोक जीवन के सौंदर्य और जीवंतता का प्रतीक है। झांकी के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और प्रकृति से जुड़ी आध्यात्मिकता को गहराई से उजागर किया गया है।