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राज्य में अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत वाहनों पर एचएसआरपी चिन्ह लगाना अनिवार्य

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ShivNov 25, 20243 min read

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November 25, 2024

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मीसाबंदियों के पेंशन पर गरमाई सियासत : कांग्रेस के बयान पर भाजपा का पलटवार

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मीसाबंदियों की सम्मान निधि फिर से शुरु करने की घोषणा की है. इसको कांग्रेस ने फिजूलखर्ची बताया है. वहीं अब इस मामले में बीजेपी सांसद सुनील सोनी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. सांसद सोनी ने कहा कि कांग्रेसियों को लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्षरत रहे सेनानियों का सम्मान हजम नहीं हो रहा है. इसीलिए अब वे अनर्गल प्रलाप करके लोकतंत्र के सेनानियों का अपमान करके अपनी राजनीतिक कुंठा का प्रदर्शन कर रहे हैं.

सांसद सुनील सोनी ने कहा कि रातों-रात लोकतंत्र की हत्या करके कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोपा और पूरे देश को जेल में तब्दील कर दिया था. अपने इस धत्कर्म पर शर्म महसूस करने के बजाय कांग्रेस मिथ्या प्रलाप कर रही है. आपातकाल के दौरान देशभर के लाखों परिवारों ने लोकतंत्र की रक्षा के उस महायज्ञ में सहभागिता निभाई थी. इसमें भाग लेने वाले छत्तीसगढ़ के हजारों लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान करते हुए डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में भाजपा की पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार ने मीसीबंदियों के लिए सम्मान निधि की घोषणा की थी, लेकिन बदलापुर की राजनीति करते हुए कांग्रेस की पिछली सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उसे बंद कर दिया था. सांसद सोनी ने कहा कि कांग्रेस सरकार के इस फैसले के खिलाफ लोकतंत्र सेनानियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी और हाई कोर्ट ने लोकतंत्र सेनानियों के पक्ष में फैसला दिया था. लेकिन बघेल सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश तक को ताक पर रख दिया. न्यायालय की अवमानना करने पर कांग्रेसियों को जरा भी रंज नहीं है उल्टे प्रदेश की भाजपा सरकार इस सम्मान निधि को पुन: शुरू कर रही है तो उनके पेट में मरोड़ हो रही है.

सोनी सोनी ने प्रदेश सरकार की इस घोषणा को कांग्रेसियों द्वारा फिजूलखर्ची बताए जाने को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि कांग्रेसियों को सरकारी खजाने में डाका डालकर अपनी तिजोरियाँ भरते समय फिजूलखर्ची का अपराध-बोध नहीं हुआ, पर भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार जब किसानों, मातृशक्ति, लोकतंत्र के सेनानियों, गरीबों के सम्मान के लिए राशि प्रदान कर रही है तो वे इसे फिजूलखर्ची बताकर अपमान कर रहे हैं. सांसद सोनी ने कहा कि अब जब छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार ने फिर से मीसाबंदियों को प्रतिमाह मिलने वाली सम्मान निधि योजना प्रारंभ करने की घोषणा की है तो उस पर कांग्रेस सवाल उठा रही है. यह कांग्रेस का असली चरित्र है जिसे गांधी परिवार के सिवाय कुछ भी नजर नहीं आता है.

उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में पांच साल के अपने शासनकाल में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के खजाने को दोनों हाथों से लूटा और हजारों करोड़ रूपये के घपले-घोटाले करके छत्तीसगढ़ को 10, जनपथ का एटीएम बना रखा था. आज सम्मान निधि को फिजूलखर्ची बताकर प्रलाप करने वाले कांग्रेसी बताएं कि राजीव मितान क्लब समेत गौठान समितियों को सरकारी खजाने से पैसा लुटाकर भूपेश सरकार मितव्ययिता का कौन-सा आदर्श नमूना पेश कर रही थी? तब कांग्रेसियों को फिजूलखर्ची का दर्द क्यों नहीं हो रहा था? सुनील सोनी ने कहा कि लोकतंत्र के सेनानियों की सम्मान निधि पुन: प्रारंभ करके प्रदेश की भाजपा सरकार ने न केवल लोकतंत्र के सेनानियों का सम्मान लौटाने का काम किया है, अपितु हाई कोर्ट के इस संबंध में दिए गए निर्णय का सम्मान करके न्यायालयीन गरिमा को पुनर्स्थापित करने का भी स्तुत्य कार्य किया है.