Special Story

छत्तीसगढ़ में 8.95 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी, किसानों को 1575.16 करोड़ रूपए का भुगतान

छत्तीसगढ़ में 8.95 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी, किसानों को 1575.16 करोड़ रूपए का भुगतान

ShivNov 25, 20241 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़…

शिक्षा विभाग के अधिकारी का तबादला

शिक्षा विभाग के अधिकारी का तबादला

ShivNov 25, 20241 min read

रायपुर।  राज्य सरकार ने दो अफसरों के तबादले किये हैं।…

राज्य युवा महोत्सव का आयोजन 12 से 14 जनवरी 2025 तक

राज्य युवा महोत्सव का आयोजन 12 से 14 जनवरी 2025 तक

ShivNov 25, 20243 min read

रायपुर।    प्रदेश में राज्य स्तरीय युवा महोत्सव की तैयारियां…

सरकारी अस्पतालों में नहीं हो रही थाइराइड, खून-पेशाब की जांच, हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को लगाई फटकार

सरकारी अस्पतालों में नहीं हो रही थाइराइड, खून-पेशाब की जांच, हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को लगाई फटकार

ShivNov 25, 20242 min read

बिलासपुर। बिलासपुर समेत प्रदेश के बड़े सरकारी अस्पतालों में पिछले…

November 25, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

माफियाओं को जिला प्रशासन की छूट : जगह-जगह डंप कर रहे जहरीले राखड़, कलेक्ट्रेट से कुछ ही दूरी पर रोजाना फेंक रहे सैकड़ों ट्रक राखड़

सक्ती- जिले में राखड़ माफियाओं का कहर दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. मोटी कमाई की लालच में ये राखड़ के सौदागर रोजाना सैकड़ों ट्रक राखड़ जिला मुख्यालय के आसपास डाल रहे हैं. भारी मात्रा में राखड़ के डाले जाने से आसपास का वातावरण जहरीला तो हो ही रहा है. साथ ही सैकड़ों एकड़ जमीन बंजर हो चुकी है.

राखड़ माफिया इस कदर बेलगाम हो चुके हैं कि अब वे सरकारी जमीनों को भी नहीं बख्श रहे, मगर हैरत की बात यह है कि सब कुछ देखकर भी जिला प्रशासन मौन है. सक्ती कलेक्टर कार्यालय से कुछ ही दूर में रोजाना प्लांट से निकलने वाले हानिकारक सैकड़ों ट्रक राखड़ डंप किया जा रहा है, मगर अधिकारियों की उदासीनता ने इन राखड़ के सौदागरों के हौसले बढ़ा दिए हैं.

दो पावर प्लांट के सामने नतमस्तक अधिकारी

सक्ती जिले के दो बड़े पावर प्लांट डीबी और आरकेएम से भारी मात्रा में राखड़ जिले में नियम विरुद्ध डिस्पोज किया जा रहा है. इन दो प्लांटों से कई बड़े ट्रांसपोर्टर ठेके पर रोजाना सैकड़ों ट्रक राखड़ क्षेत्र के रिहायसी इलाकों में खपा रहे हैं. राखड़ खपाने के लिए इन्हे प्लांटों से प्रति टन अच्छी खासी रकम मिल रही है, जिसके लिए ये राखड़ के सौदागर जिले में जगह-जगह राखड़ डालकर अपनी जेब गरम कर रहे हैं, मगर जिले के जिम्मेदार अधिकारी इस गंभीर मामले में आखिर क्यों मौन है, यह समझ से परे है.