शवगृह में अव्यवस्था का आलम : सफाई नहीं होने से गंदगी-बदबू के बीच हो रहा पोस्टमार्टम, CMO-BMO एक दूसरे पर झाड़ रहे पल्ला

आरंग। शहर के वार्ड नंबर 6 स्थित शवगृह में जनसुविधाओं को ध्यान में रखकर 01 करोड़ 03 लाख खर्च किया जा रहा है, लेकिन लगभग 03 साल बाद भी निर्माण कार्य अधूरा है. इसके चलते यहां अव्यवस्था का आलम है. निर्माण कार्य आरंग नगर पालिका परिषद के अंतर्गत सृजन बिल्डकॉन रायपुर द्वारा किया जा रहा है. बाहर से शवगृह दिखने में अच्छा लग रहा, लेकिन अंदर नर्क से कम नहीं है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि यहां सफाई नहीं होने से गंदगी-बदबू के बीच पोस्टमार्टम हो रहा. जब किसी दुर्घटना में मृत व्यक्ति का शव पोस्टमार्टम के लिए यहां लाया जाता है तो पोस्टमार्टम के बाद स्ट्रेचर और कमरे में बिखरे खून और गंदगी की सफाई की जिम्मेदारी किसकी होती है ये तय नहीं हो पा रहा है. बीएमओ और सीएमओ एक दूसरे पर पल्ला झाड़ रहे.

एक तरफ नगर पालिका द्वारा शवगृह का निर्माण कार्य कराया जा रहा, वहीं दूसरी तरफ पोस्टमार्टम में स्वास्थ्य विभाग की भूमिका रहती है. पोस्टमॉर्टम के बाद सफाई कौन कराएगा इसकी जिम्मेदारी शायद अभी तक तय नहीं हो पाई है. इसका ताजा उदाहरण शुक्रवार को देखने को मिला, जब ग्राम पारागांव के मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए मुक्तिधाम के शवगृह लाया गया. शव रखने के लिए जैसे ही कमरे का दरवाजा खोला गया दुर्गंध से पूरा रूम भरा था. इससे पहले यहां हुए पोस्टमार्टम में मृतक के खून से लथपथ कपड़े और स्ट्रेचर में खून के धब्बे ने यहां के जिम्मेदारों की पोल खोलकर रख दी. कमरे में भी खून के निशान हैं. पोस्टमार्टम के लिए आए मृतक के परिजन शव को खून से सनी हुई जगह पर रखने को मजबूर थे.

अफसर बोले – शवगृह में बिजली और पानी की समस्या जल्द दूर करेंगे
इस मामले में विकासखंड चिकित्सा अधिकारी विजयलक्ष्मी अनंत का कहना है कि शवगृह में बिजली और पानी की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण वहां सफाई नहीं हो पाती है. नगर पालिका को इस पर ध्यान देना चाहिए. वहीं मुख्य नगर पालिका अधिकारी शीतल चंद्रवंशी का कहना है कि मुक्तिधाम में निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन शवगृह में जब किसी शव का पोस्टमॉर्टम हो गया है तो वहां की सफाई की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शवगृह में बिजली और पानी की समस्या को जल्द ही दूर किया जाएगा.
शव रखने के लिए फ्रीजर की भी व्यवस्था नहीं
जानकारी के मुताबिक शवगृह में शव रखने के लिए फ्रीजर की भी व्यवस्था होनी है, लेकिन बिजली व्यवस्था नहीं होने से फ्रीजर का उपयोग नहीं हो पा रहा है. आरंग नगर के सबसे मुख्य मुक्तिधाम में लगभग 03 साल होने के बाद भी शवगृह का निर्माण कार्य अधूरा है, जिससे पोस्टमॉर्टम कराने आए मृतक के परिजन और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.