Special Story

जिला अस्पताल में लापरवाही से गई मरीज की जान! आक्रोशित परिजन शव लेकर पहुंचे कलेक्टर कार्यालय, CMHO ने कही जांच के बाद कार्रवाई की बात

जिला अस्पताल में लापरवाही से गई मरीज की जान! आक्रोशित परिजन शव लेकर पहुंचे कलेक्टर कार्यालय, CMHO ने कही जांच के बाद कार्रवाई की बात

ShivApr 24, 20252 min read

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। जिला अस्पताल गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में इलाज में लापरवाही का गंभीर…

युवा कुंभ आयोजित कराएं : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

युवा कुंभ आयोजित कराएं : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 24, 20255 min read

भोपाल।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि…

April 24, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

कर्ज, रंजिश और सुपारी किलिंग की खौफनाक दास्तां : 48 घंटे में पुलिस ने सुलझाई हत्या की गुत्थी, तीन आरोपी गिरफ्तार

डोंगरगढ़।  शहर के करवारी रोड पर मिली खून से लथपथ लाश ने जब सनसनी फैलाई तब किसी को अंदाजा नहीं था कि इसके पीछे एक पूरी साजिश रची गई थी. मृतक की पहचान कन्हारगांव निवासी देवलाल मण्डावी के रूप में हुई, जिसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. चेहरा कुचलकर पहचान मिटाने की कोशिश की गई, ताकि मामला अंधे कत्ल की शक्ल ले सके, लेकिन डोंगरगढ़ पुलिस ने इस अंधे कत्ल की गुत्थी महज 48 घंटे में सुलझाकर बड़ी सफलता हासिल की है.

जांच में सामने आया कि हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता कोई और नहीं, बल्कि देवलाल का पुराना दोस्त ओमकार मण्डावी था, जो पेशे से ईंट भट्ठे का ठेकेदार है. देवलाल ने ओमकार से करीब ढाई लाख रुपए उधार लिए थे और जब पैसे की वापसी की मांग की गई तो देवलाल न सिर्फ झगड़ता, बल्कि फर्जी केस में फंसाने की धमकी भी देता रहा. इससे आक्रोशित होकर ओमकार ने देवलाल को रास्ते से हटाने की ठान ली.

वारदात से पहले मृतक को जमकर पिलाई थी शराब

ओमकार ने अपने भांजे महेन्द्र नेताम को इस साजिश में शामिल किया. महेन्द्र ने अपने करीबी योगेश चौरे से संपर्क किया और हत्या का प्रस्ताव रखा. योगेश ने 5 से 6 लाख की सुपारी पर हत्या करने की हामी भर दी. योजना के तहत घटना से कुछ दिन पहले देवलाल की टूटी हुई बाइक को बहाना बनाकर उसे घर से बुलवाया गया. साथ ही उसे शराब पिलाकर बेहोश करने की तैयारी भी की गई. 20 अप्रैल की रात डोंगरगढ़ में देवलाल को जमकर शराब पिलाई गई. जब वह नशे में लड़खड़ाता हुआ करवारी रोड की ओर अकेला बढ़ा तो योगेश और महेन्द्र ने मोटरसाइकिल से उसका पीछा किया. जैसे ही मौका मिला, सागौन की मोटी लकड़ी से देवलाल के सिर और चेहरे पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया गया. हत्या के तुरंत बाद दोनों आरोपी फरार हो गए.

सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स, सायबर तकनीक से पुलिस को मिली मदद

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान ओमकार मण्डावी लगातार मोबाइल पर संपर्क में बना रहा और निर्देश देता रहा. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और सायबर तकनीक की मदद से तीनों आरोपियों को दबोच लिया. पूछताछ में उन्होंने अपना गुनाह कबूल किया और कत्ल की पूरी कहानी बताई. इस केस ने न सिर्फ पुलिस की सक्रियता को दिखाया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि रंजिश और लालच जब मिलते हैं तो इंसान कैसे शैतान बन जाता है।